सफलता एक बहुत बड़ा नाम है जिसे हासिल करने के लिए लोगों की पूरी जिंदगी गुजर जाती है। इतिहास में काफी लोग ऐसे हैं जिनकी सोच उनके समय से आगे रही है जिसके कारण समाज के लोगों ने उन्हें पागल ही समझा लेकिन आने वाले समय में उनका यह पागलपन उन्हें सफलता की राह पर ले गया। ऐसी ही एक कंपनी है जिसका नाम है बिसलेरी। बिसलेरी ने आज विश्व भर में वाटर बोतल इंडस्ट्री के लगभग 60% हिस्से पर कब्जा बना रखा है। यहां तक कि बिसलेरी के नाम से काफी नकली पानी की बोतल भी आने लगी हैं।
बिसलेरी पहले बनाती थी दवा
आज पूरे देश में वाटर बोतल के लिए प्रसिद्ध बिसलेरी कंपनी ने शुरुआत दवा बनाने वाली कंपनी के रूप में की थी। इस कंपनी को सबसे पहले इटली में शुरू किया गया। भारत के मुंबई में बिसलेरी का वाटर प्लांट लगा हुआ है लेकिन इसका नाम बिसलेरी विदेशी कंपनी के नाम पर है और यह कंपनी पानी नहीं बेचती थी। आपको बता दें कि इटली के एक बिजनेसमैन फेलीस बिसलेरी ने अपनी फार्मा कंपनी बनाई। फेलिस बिसलेरी का एक फैमिली डॉक्टर जिसका नाम रोजिज था। जब बिसलेरी के मालिक की मृत्यु हो गई तो इस कंपनी का नया मालिक डॉक्टर रोजीज बना।
रोजीज ने दिया था पानी की पैकिंग बोतल बेचने का विचार
फिलिप्स बिसलेरी के परिवारिक डॉक्टर रोज इज के एक दोस्त और बिसलेरी कंपनी के लीगल एडवाइजर थे। जिसका एक बेटा था खुशरू संतुक। जिन्होंने भारत में बिसलेरी वाटर बोतल की शुरुआत की थी।
1965 में लगा था पहला वाटर प्लांट
भारत के आजाद होने के बाद 1965 में मुंबई के ठाणे में पहला वाटर प्लांट लगाया गया इसे बिसलेरी वाटर प्लांट नाम दिया गया।खुशरू संतुक ने जो भी है वॉटर प्लांट लगाया तो इस समय लोगों ने इसे पागल समझा और कहा कि पानी बेचने का विचार किसी पागलपन से कम नहीं है। आपको बता दें कि 1965 के समय भारत में गरीबी काफी फैली हुई थी और लोग दो वक्त की रोटी जुटाने में लगे रहते थे ऐसे वक्त में कोई पागल ही ऐसा होगा जो पैसे देकर पानी की बोतल खरीदें।
₹1 में मिलती थी बिसलेरी की बोतल
1965 में जब बिसलेरी वाटर प्लांट स्थापित हुआ उस समय बिसलेरी की एक बोतल महज एक रुपए में मिलती थी जो आज ₹20 में मिलती है। उस वक्त के हिसाब से ₹1 भी काफी ज्यादा था। इसके बाद धीरे-धीरे अमीर लोगों ने अच्छा पानी पीने का विचार बनाया और बिसलेरी की बोतल खरीदने लगे। वक्त के साथ-साथ बिसलेरी महंगे होटलों में मिलने लगी लेकिन अभी भी आम लोगों तक नहीं पहुंच पाई थी। आज बिसलेरी पूरे देश में हर शहर और गांव में मिलती है।