पिछले कई सालों से देश में एक मुहिम चलाई जा रही है इस मुहिम के तहत बेटी को बचाने और उस को पढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आज भी हमारे समाज में ऐसे लोग हैं जो बेटी को दुत्कारने और उसे घर से निकालने का गंदा काम करते हैं। देश की बहुत सी बेटियां तो मानसिक प्रताड़ना के चलते ही आगे नहीं बढ़ पाती हैं। लेकिन भारत देश में बहुत ही ऐसी बेटियां हैं जिन्होंने दुत्कार ने के बाद भी अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यह साबित किया है कि बेटियां भी किसी से कम नहीं है। आज हम आपके सामने एक ऐसी ही बेटी की दास्तां लेकर आए हैं जिसे सुनकर आप भावुक हो जाएंगे।
पटना की रहने वाली हैं वंदना मधुकर
आज हम जिस बेटे की बात कर रहे हैं उसका नाम बंदना मधुकर है वह पटना की रहने वाली हैं। उनकी शादी हुई शादी के तुरंत बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। शादी के बाद से ही उसके ससुराल वाले उसके सांवले रंग को लेकर उसको बहुत ताने दिया करते थे। लेकिन वंदना करती भी तो क्या कुछ दिन तक सब कुछ कहती रही। वंदना के पति चाहते थे कि वह अपनी पूरी सैलरी ससुराल वालों को दे। इतना ही नहीं जब वंदना ने एक बेटी को जन्म दिया तो उसके ससुराल वालों ने उसे घर से भी निकाल दिया था।
अपने मायके में रहकर बेटी का पालन पोषण किया
लेकिन वह भारत की बेटी थी कहां हार मानने वाली थी। ससुराल से निकाले जाने के बाद वह अपने मायके चली गई और अपनी बेटी का पालन पोषण वही करने लगी। उन्होंने अपनी नौकरी नहीं छोड़ी और नौकरी के साथ ही आगे की पढ़ाई भी जारी रखी। अपनी पढ़ाई के दम पर वह आज जज बन गई हैं और अपने माता-पिता और अपने पूरे गांव मोहल्ले का नाम ऊंचा कर दिया है।
ससुराल वालों ने दी थी धमकी
वंदना की शादी 2015 में पटना में हुई थी। 1 साल बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म देने के बाद उसके ससुराल वाले उसे काफी प्रताड़ित किया करते थे। इसके साथ ही यह भी कहा करते थे कि अगर तुमने दोबारा बेटी को जन्म दिया तो तुम्हें गर्भपात करवाना पड़ेगा। यही नहीं उसकी सैलरी को लेकर भी उसको घर में प्रताड़ित किया जाता था।
जज बन कर लौटी घर
वंदना अपनी मेहनत के दम पर अब जज बन गई हैं। वंदना का कहना है कि वह अभी इस कुर्सी पर बैठकर सभी बेटियों और बहनों के लिए न्याय करेंगी। ताकि उनके जैसे किसी और को मानसिक प्रताड़ना न झेलनी पड़े। अगर आज आपको हमारी यह कहानी प्रेरणा देती है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि जो बहन वंदना के साथ हुआ वो किसी और के साथ ना हो।