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मिलिए एक और झांसी की रानी से जिन्होंने अपने ससुर को लिवर दान कर बचाई जान

वैसे तो हम अक्सर आजकल न्यूज़ में यही पढ़ते हैं की बहू को ससुराल में मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। लेकिन आज जिस बहू की हम कहानी लेकर आए हैं वह आपके लिए प्रेरणास्पद है। यह कहानी है झांसी की रहने वाली एकता गुप्ता की। उन्होंने अपने ससुर को लीवर दान कर उनका अमूल्य जीवन बचाया। एकता कपूर के ससुर लिवर सिरोसिस नामक बीमारी से पीड़ित है। कुछ साल पहले भी उन्होंने उनका लिवर ट्यूमर का ऑपरेशन भी करवाया था। लेकिन कुछ समय बाद डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें दोबारा से ट्यूमर हो सकता है। बहुत हॉस्पिटल और दवाइयां इलाज कोई भी काम नहीं आ रहा था। इसके बाद लिवर ट्रांसप्लांट ही एक ऐसा रास्ता था जो उनके पास बचा था।

बहू का लीवर ट्रांसप्लांट के लिए योग्य

आखिरकार घरवालों ने लिवर ट्रांसप्लांट करवाने का मन बना लिया लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या यह थी की मैचिंग वाला लीवर कहां से लेकर आए। ऐसे में सबसे पहले जब सभी घर वालों ने अपनी जांच करवाई तो बहू का ही लीवर उनसे मैच हो गया। सब डरे हुए थे लेकिन बहु नहीं डरी हुई थी उसने कहा कि मैं अपने ससुर को लीवर दूंगी और उनकी जान बचाऊंगी। एकता गुप्ता के अनुसार घर में और कोई भी सदस्य इतना स्वस्थ नहीं था कि वह अपना लिवर डोनेट कर सके। उन्होंने बताया कि जब उनको पता चला कि मैं लीवर देने के लिए बिल्कुल योग्य हूं तो मैंने तुरंत लीवर देने का फैसला कर लिया।

बहुत लोगों ने किया मना किया था मना

एकता गुप्ता कहती हैं कि जब उन्होंने लिवर देने का फैसला किया तो उनके माता-पिता को भी फोन कर कर पूछा गया बहुत लोगों ने मुझे मना कर दिया था कि तुम अभी जवान हो तुम अपना शरीर खराब मत करो लीवर देने से तुम्हारे अंदर कमजोरी आ जाएगी। लेकिन मैं उस समय सिर्फ वह पल याद कर रही थी जब 15 साल की उम्र में मैंने अपने पिता को खो दिया था और मैं अपने दूसरे पिता को नहीं खोना चाहती थी।

पीछे हटने से किया इनकार

एकता गुप्ता का कहना है कि यह सब सोचकर बहुत से लोगों ने मुझे मना किया था लेकिन जब भी मुझे मेरे पिता का ख्याल आता तो मैंने निश्चय कर लिया था कि अब मैं पीछे नहीं हटूंगी। उन्होंने बताया कि बिना किसी हिचकिचाहट के उन्होंने चेकअप करवाया। सर्जरी से पहले डॉक्टरों ने उसे बता दिया था कि वह उनके लीवर का लगभग 60% हिस्सा लेंगे। लेकिन वह फिर भी नहीं डरी और अपने ससुर की कीमती जान बचाई।

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