आपने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बॉडीगार्ड को काला चश्मा पहने हुए देखा होगा। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं बल्कि अन्य कोई भी वीआईपी लोगों के बॉडीगार्ड्स काली चश्मा पहन के रखते हैं चाहे धूप हो या छांव वह कभी भी अपनी इस काली चश्मा को उतारते नहीं है। वीआईपी लोगों के बॉडीगार्ड के द्वारा पहने जाने वाले धूप की चश्मा को पहनना कोई स्टाइल नहीं है बल्कि इसके पीछे बहुत सारी खास वजह है। आज आपको बताते हैं कि नरेंद्र मोदी जैसे वीआईपी लोगों के बॉडीगार्ड्स आखिर काली चश्मा पहन के क्यों रखते हैं क्या इससे फायदा होता है।
1. वीआईपी लोगों के बॉडीगार्ड काला चश्मा इसलिए पहनते हैं ताकि वह सभी पर नजर रख सकें और किसी को भी यह पता नहीं लगे कि वह उसकी तरफ देख रहे हैं।
2. वीआईपी लोगों के बॉडीगार्ड्स के द्वारा पहनी जाने वाली चश्मा के पीछे कारण यह भी है कि यह काला चश्मा धूप आंधी तूफान और तेज हवाओं से बॉडीगार्ड की आंखों की रक्षा करते हैं ताकि वह आंखों को खुला रख सकें और अपने मालिक की रक्षा कर सकें.
3. जब वीआईपी लोग कहीं बाहर जाते हैं तो उनके बॉडीगार्ड उन के साथ होते हैं और हर वक्त यह ध्यान रखते हैं कि उनके मालिक को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े अगर कभी कबार कोई हादसा हो जाता है या कोई दुर्घटना, बमबारी, गोलाबारी हो जाती है तो एक बार के लिए आंखें बंद हो जाती हैं तो बॉडीगार्ड की आंखों को खुला रखने के लिए वे धूप का चश्मा पहनते हैं जो आंखें खुले रखने में उनकी मदद करता है।
4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वीआईपी लोगों के लिए सुरक्षा पहली पंक्ति होती है जो किसी भी तरीके की परेशानी से उनकी रक्षा करती है और यह काम है उनके बॉडीगार्ड बखूबी निभाते हैं बॉडीगार्ड के काली चश्मा पहनने के पीछे एक कारण यह भी है कि बॉडीगार्ड को ट्रेनिंग के दौरान बहुत कुछ सिखाया जाता है और किसी संदिग्ध व्यक्ति का पता लगाने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। बॉडीगार्ड संदिग्ध व्यक्ति की बॉडी लैंग्वेज को देखकर ही पता लगा लेते हैं कि यह व्यक्ति कुछ गैर कानूनी काम कर सकता है। काली चश्मा लगाने की वजह से संदिग्ध व्यक्ति को यह पता नहीं लग पाता है कि बॉडीगार्ड उसकी और देख रहा है या फिर कहीं और देख रहा है।