प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी परिचय के मोहताज इंसान नहीं है। गुजरात में एक सामान्य परिवार में पैदा हुए नरेंद्र मोदी ने भारत को विश्व में एक अलग पहचान दिलाई है । भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने की अपने संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं। नरेंद्र मोदी का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता । नरेंद्र मोदी ने शुरुआती शिक्षा अपने गृह नगर वडनगर जो गुजरात में स्थित है,से पूरी की । मोदी शुरू से ही एक मेधावी और जिज्ञासु प्रवृत्ति के छात्र रहे हैं । देश व सेना की प्रति प्रेम उनमें शुरुआत से ही रहा है ।
मात्र 17 वर्ष की उम्र में हुई थी शादी
नरेंद्र मोदी की शादी 17 वर्ष की उम्र में हुई थी । जब उनकी पत्नी जशोदाबेन की उम्र 15 वर्ष थी । उनकी शादी 1968 में हुई थी । नरेंद्र मोदी की शादी गुजरात के ब्रह्म वाड़ा गांव में हुई थी । कम उम्र में शादी होने के कारण नरेंद्र मोदी नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और ससुराल चली आये । इसलिए वह चाहते थे कि उनकी पत्नी घर पर ही रह कर अपनी पढ़ाई पूरी करे । जशोदाबेन बताती है कि उनकी शादी 3 साल ही चली जिनमें वे सिर्फ एक दूसरे के साथ 3 महीने ही रहे ।
पूरे देश का भ्रमण करना चाहते थे मोदी
यशोदा बेन बताती है कि नरेंद्र मोदी उनसे कहा करते थे वह पूरे देश का भ्रमण करना चाहते हैं और सभी जगह जाना चाहते हैं इसलिए वह उन्हें हर जगह साथ नहीं ले जाना चाहते थे । जशोदाबेन के अनुसार नरेंद्र मोदी से अलग होने का फैसला उनका था । नरेंद्र मोदी उनसे अपनी राजनीतिक बातें भी शेयर नहीं करते थे । नरेंद्र मोदी और जशोदाबेन का आपस में कभी झगड़ा भी नहीं हुआ । नरेंद्र मोदी संघ के प्रचार प्रसार के लिए पूरे देश में भ्रमण करा करते थे और घर पर बहुत ही कम समय बिताते थे ।
मोदी घर पर बिताते थे बहुत ही कम वक्त
जशोदाबेन के अनुसार नरेंद्र मोदी घर परिवार के बीच बहुत ही कम उपस्थित रहे । वे हमेशा अपने संगठन और राजनीतिक कार्य में बिजी रहते थे । जब भी यशोदाबेन वडनगर जाती थी तो नरेंद्र मोदी उन्हें वहां कभी नहीं मिलते । हमेशा किसी ना किसी काम से बाहर या किसी अन्य राज्य में चले ज्यादा करते थे । इसलिए जशोदाबेन वडनगर मे अकेले ही रह जाती थी । जशोदाबेन बताती है कि उनके ससुराल वाले उन्हें बहुत प्रेम से रखते थे तथा हमेशा हमसे हाल-चाल जानते थे। लेकिन नरेंद्र मोदी के व्यस्त जीवन शैली को जशोदाबेन अपने अनुसार बदल नहीं पाई और उन्होंने अलग होने का ही निश्चय कर लिया था ।