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दसवीं में फेल होने के बाद इस तरह से एक युवक बना आईपीएस अधिकारी,

भारत में सबसे बड़ी और श्रेष्ठ परीक्षा यूपीएससी की मानी जाती है। पढ़ लिख कर देश की सेवा करने वाले युवकों के लिए सिविल सर्विसेज सबसे बड़ा सपना होता है और इस सपने को हासिल करने के लिए लोग जी जान लगा देते हैं और अपनी मेहनत के बलबूते पर अपना लक्ष्य हासिल करते हैं फिर देश सेवा में लग जाते हैं। समाज में प्रचलन है कि बचपन से ही जो बच्चा पढ़ाई में इंटेलिजेंट है वही आगे चलकर है सिविल सर्विसेज की प्रिपरेशन कर सकता है और उसे पास कर सकता है लेकिन इस बात को एक युवक ने गलत साबित कर दिया। जी हां हम बात कर रहे हैं एक ऐसे युवक की जिसे दसवीं की परीक्षा में फेल होने पर स्कूल से निकाल दिया था लेकिन अपनी मेहनत के बलबूते पर आगे चलकर वहीं युवक आईपीएस अधिकारी बनकर आज देश की सेवा कर रहा है।

दसवीं में फेल होने पर निकाल दिया था स्कूल से

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले आकाश कुलहरी की, जिन्हें दसवीं कक्षा में फेल होने पर स्कूल प्रशासन ने अपने स्कूल से निकाल दिया था। स्कूल से निकाले जाने के बाद आकाश के घर वाले काफी दुखी हो गए थे और अपने बच्चे के भविष्य की चिंता सताने लगी थी। माता-पिता ने आकाश को काफी डांट भी लगाई और समझाया कि उसे पढ़ाई करनी चाहिए लेकिन बचपन से पढ़ाई में कमजोर है आकाश अब भी पढ़ाई करने के लिए तैयार नहीं थे।

स्कूल से निकाले जाने के बाद लिया यह संकल्प

आकाश ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था तो उसके माता-पिता बहुत दुखी हो गए थे इस बात को लेकर वह भी काफी परेशान हो गए और उन्होंने अपने जीवन का एक संकल्प बना लिया जिसमें उन्होंने सोचा कि अब आगे चलकर पढ़ाई करनी है और अपने माता-पिता का नाम देश में रोशन करना है। दसवीं में फेल होने के बाद आकाश की अकल ठिकाने आ चुकी थी और उन्होंने पढ़ाई शुरू कर दी तथा 12वीं कक्षा में 85% अंक प्राप्त किए।

ग्रेजुएशन करने के बाद इस तरह शुरू की सिविल सर्विसेज की तैयारी

आकाश ने ग्रेजुएशन कॉमर्स से पास की क्योंकि स्कूल में भी आकाश का बैकग्राउंड कॉमर्स ही था। ग्रेजुएशन के बाद आकाश के पास दो विकल्प थे एक तो है एमबीए करके कॉर्पोरेट सेक्शन में जा सकते थे और दूसरा सिविल सर्विसेज की तैयारी कर सकते थे उन्होंने कॉर्पोरेट में जाने की बजाय सिविल सर्विसेज की तैयारी करके देश सेवा करने का फैसला किया। एक इंटरव्यू में आकाश ने बताया कि उसकी माता बचपन से ही कहती थी कि मेरा बेटा अधिकारी बन जाए तो मां के सपने को मैं आज पूरा कर पाया और इसके लिए मैंने जी जान एक लगा दी थी। आपको बता दें कि आकाश वर्ष 2016 में यूपीएससी के अपने पहले प्रयास में ही सफल हो गए और आईपीएस अधिकारी बन गए।

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