रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन में एक अनोखी प्यार को दर्शाता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधी है और भाई अपनी बहन की रक्षा का प्रण लेता है। रक्षाबंधन के त्यौहार पर आज हम आपके सामने एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जिसे सुनकर आप की भी आंखें नम हो जाएंगी। दरअसल दो बहनों ने अपने भाई की जिंदगी बचाने के लिए 14 साल पहले अपना आधा-आधा लीवर अपने भाई को दान कर दिया था।
उत्तर प्रदेश की है कहानी
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में रहने वाला अक्षत गुप्ता पिछले महीने जिंदगी और मौत के के तराजू में तुल रहा था। दरअसल उसका लीवर फेल हो गया था और उसका जीवन को बचा पाना डॉक्टरों के लिए बड़ा मुश्किल हो रहा था। अक्षत के केस में एक बड़ी दुविधा यह थी कि उसका वजन भी लगातार बढ़ता जा रहा था उसका वजन 92 किलोग्राम का हो गया था।
डॉक्टर ने कहा बहने दे सकती है लिवर
कुछ समय उपचार के बाद डॉक्टरों ने कहा कि अक्षत की दो बहनें हैं जो उसे लिवर दान करे तो उसकी जिंदगी बचाई जा सकती है। इसके बाद क्या था बहनों ने बिना कुछ सोचे समझे अपना लिए अपने भाई को डोनेट कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि लीवर के दान करने के बाद भी अक्षत की सर्जरी काफी लंबी और गंभीर थी।
माता पिता के लिए था कठिन निर्णय
हर माता-पिता चाहता है कि उनके बच्चे सुरक्षित रहे लेकिन इस केस में माता पिता अपने तीनों बच्चों को सर्जरी के लिए भेज बड़े चिंतित थे। अपने तीनों बच्चों को सर्जरी के लिए भेजना उनके लिए काफी कठिन साबित हो रहा था। अक्षत की सर्जरी में लगभग 15 घंटे लगे थे जिसके बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था।
काफी समय बाद हुए रिकवर
अब जानकारी के अनुसार अक्षय को जैसे ही सर्जरी की गई उसको तुरंत आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया उसके साथ-साथ उनकी बहनों को भी रिकवरी के लिए आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। गौरतलब है कि वह काफी समय तक आईसीयू में रहे जिसके बाद एकदम स्वस्थ होने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। जिसने भी है कहानी सुनी है उसने यही कहा है कि बहने हो तो ऐसी। अपने भाई के लिए इतना बड़ा बलिदान हर कोई बहन नहीं कर सकती है। इसीलिए कहा जाता है कि भाई के लिए बहन सबसे बढ़कर होती है और भाई जैसे बहन की हमेशा रक्षा करता है बहन भी हमेशा भाई की रक्षा करती है।