हवाई जहाज का सफर करना बहुत ही आरामदायक और सबसे तेज होता है। ऐसा भी माना जाता है कि हवाई जहाज का सफर सबसे सुरक्षित भी होता है इतिहास में हवाई जहाज के आसमान में टकराने के मामले बहुत कम दर्ज हुए हैं लेकिन जो भी दुर्घटनाएं हवाई जहाजों के आपस में टकराने से हुई हैं उनमें कोई भी जिंदा नहीं बच पाया है। ऐसा ही एक मामला आज के दिन 11 अगस्त 1979 को सोवियत संघ के यूक्रेन के शहर निप्रोदजर्जिनसक में हुआ। इस विमान दुर्घटना में दोनों हवाई जहाजों में सवार सभी लोगों की मृत्यु हो गई। इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 178 रहा।
विमान हादसे का यह रहा था कारण
यूक्रेन के एक शहर के ऊपर हुए विमान हादसे में 178 लोगों की मृत्यु हुई इसके बाद जांच में पता चला कि इस हादसे के पीछे एयर ट्रेफिक कंट्रोल की गलती थी। दरअसल जो ए ट्रेफिक कंट्रोल इन हवाई जहाजों को कंट्रोल कर रहा था वह है एक साथ 10 से 15 विमानों को कंट्रोल करता था और इससे काफी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता था इस समस्या को लेकर 1970 में आवाज भी उठाई गई लेकिन इसके 9 साल बाद तक है इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और 1979 में यह भयंकर हादसा हो गया।
नए ट्रैफिक कंट्रोलर को किया गया था नियुक्त
इस हादसे के कुछ समय पहले ही एक नए तृतीय श्रेणी के नियंत्रक को नियुक्ति दी गई। इस ट्रैफिक कंट्रोलर को कम अनुभव था और जहां नियुक्ति थी वहां विमानों का आवागमन अधिक था। 11 अगस्त 1979 को फ्लाइट नंबर 7628 और फ्लाइट नंबर 7880 दोपहर के समय एक दूसरे से साडे 8000 फीट की ऊंचाई पर टकरा गई जिससे दोनों विमानों का कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया और दोनों आसमान से नीचे गिरने लगी। इस हादसे में एक विमान का विंग दूसरे मान के धड़ से टकरा गया जिससे दोनों ही मन छतिग्रस्त हो गए और सीधे नीचे जमीन पर आ गिरे। यह मामला बेहद ही खतरनाक था। इस दुर्घटना के बाद जांच एजेंसी ने जांच कर बताया कि इस दुर्घटना के पीछे एयर ट्रेफिक कंट्रोल रूम की गलती थी।