दोस्तों हमारा देश कृषि प्रधान देश है और हमारी ज्यादातर जनसंख्या गावों में रहती है ,और हमारे गाँव के लोग खेती के साथ पशु पालन भी करते है ।आपको ये भी पता होगा की गाय और भेस जो गोबर करती है उस से गाँव में कुछ गंदगी भी हो जाती है पर आज हम से ये कह रहे है की गोबर से आप कमाई भी कर सकते है और वो भी बहुत अच्छी ।हम सब तो यही जानते थे की गोबर का कोई इस्तेमाल नहीं होता पर दो युवको ने हमारी ये सोच ही बदल दी अब गोबर से हम कमाई भी कर सकते है ।
गोबर से बन रही है वर्मी कम्पोस्ट
आज हम ये कहानी जो बता रहे है वो है मिर्जापुर के गाँव सिखड़ी की यहाँ पर दो दोस्तों चंद्र्मोली पाण्डेय और मुकेश पाण्डेय ने गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने के तरीका खोज लिया है ।ये भी आपको बताते चले की ये दोनों दोस्त पोस्ट ग्रेजुएट है और दोनों ने काफी साल प्राइवेट नौकरी भी की ,वो ये बताते है की हम जब भी गाँव में आते थे तो गाँव की सड़के गोबर से गन्दी मिलती थी ।
वर्मी कम्पोस्ट बनाने का आया आईडिया
दोनों दोस्तों ने देखा की गाँव में जिन लोगो के पास गैस का चूल्हा नहीं था वो गोबर के उपलों से चूल्हे पर खाना बनाते थे ,कुछ लोग पानी में गोबर डाल कर या फिर ऐसे ही खेत में गोबर डाल देते थे ।इसके इलावा गोबर का कोई भी और काम नहीं था इसलिए सोचा की इस गोबर से कुछ अलग किया जाए तभी उनको ये वर्मी कम्पोस्ट बनाने का फार्मूला दिमाग में आया ।
गोबर की ट्राली खरीदते है 1500 रुपये की
दोनों दोस्त ये बताते है की इस फोर्मुले से गाँव वालो को और हमे यानि सबको फायदा होता है ,क्योकि हम किसानो से एक ट्रोली के 1500 में लेते है ।जिस से किसानो को अच्छी कीमत मिलने से उनका भी फायदा हो रहा है और साथ ही साथ पहले गोबर का ढेर लगने से जो गाँव में गंदगी होती थी वो भी नहीं होती और गाँवों की सड़के भी साफ़ रहती है ।
देश के कई राज्यों से आ रहे आर्डर
मुकेश पाण्डेय जी बताते है की उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट को कृषि विभाग की मदद से शुरू किया और उसके धीरे धीरे या काम बहुत अच्छे से चलने लगा है ।अब उनके वर्मी कम्पोस्ट की मांग दिल्ली ,पंजाब,उत्तर प्रदेश और भी काफी अन्य राज्यों से आर्डर आने लगे है ,जिस से उनका काम बहुत ज्यादा फेल चूका है ।