हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ की ज्यादा तर जनसख्या गावो में रहती है ,और हमारे गावो के लोग काफी समय से वोही पुराने तरीके से खेती कर रहे है .या तो हम गन्ना लगाते है या फिर गेहू या चावल ,पर आज कल के समय में इस प्रकार से खेती करने के कोई फ़ायदा नहीं रहा .उल्टा लागत ज्यादा लग रही है और आमदनी कम हो रही है तो दोस्तों इस नुकसान को फायदे में बदलने के लिए में आपको आज एक नए तरीके की खेती करने के बारे में बताने जा रहा हु और उसका नाम है इलायची की खेती चलिए विस्तार से जानते है इसके बारे में .
क्यों करे इलायची की खेती (Cardamom Farming )
इलायची की खेती ऐसी नहीं की हम ने अभी लगाया और फिर 6 महीने बाद कमाई होनी शुरू ,इसके लिए इसकी तीन साल तक देख भाल करनी पड़ती है पर जब इस पर फल आना शुरू होता है तो आपकी तीन साल की मेहनत सफल हो जाती है .इसकी सबसे ज्यादा खेती कर्नाटक में होती है और इलायची को मसालों की रानी भी कहा जाता है .
इसका पोधा बहुत ही कोमल होता है और इस पर फल तोड़ने का टाइम होता जून यानि की जब मानसून आता है ,एक बात और की इस पोधे में निचे से फल आना शुरू होता है जबकि बाकी पोधो में ऊपर फल लगता है .
इलायची की खेती में रखे इन चीजो का ख्याल
इलायची पर जब फल आता है तो वो उस समय पक्का हुआ नहीं होता बल्कि इसको तोड़ कर किसी कमरे में जा कर सुखाया जाता है ,और एक बार ये सुख जाये तो गुणवता के हिसाब से इस रेट तय होता है .हमारे उतर भारत में इसकी खेती बहुत ही कम होती है और ज्यादा तर इलायची दक्षिण भारत में ही लगाया जाता है .
एक बात और इसके बारे में दिलचस्प है की इसमें कोई भी केमिकल नहीं डाला जाता क्योकि इसका पोधा बहुत ही कोमल होता है और ज्यादा तर इसमें आर्गेनिक खाद ही डाला जाता है और एक बार ये बाजार में बिकने को चला जाये तो आपके पास धन की कोई कमी नहीं रहेंगी .