भारत का सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल कोई हैं तो वह हैं सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट. ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिससे भारतीय लोगो के इमोशन्स जुड़े हुए है. क्रिकेट भारत के लोगो के केवल खेल ही नही बल्कि भारत के लोगो की क्रिकेट में जान बसती हैं. यही कारण हैं कि भारत में क्रिकेट को बहुत ज्यादा पसन्द किया जाता है. इन दिनों चल रहे टी-20 वर्ल्डकप में भारतीय टीम बाहर हो चुकी हैं जिसके चलते भारत के लोगो को बहुत ज्यादा दुख हुआ. भारतीय टीम ने अपने शुरुआती दोनो मुकाबले बहुत बुरी तरह से हारे है जिसके चलते यही दोनो मुकाबले भारत के बाहर होने का कारण बने हैं.
भारत ने भले ही इसके बाद के तीनों मुकाबले जीत लिए हो लेकिन उसका कोई भी फायदा नही निकला क्योंकि भारत फिर भी सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो गया हैं. हालहि में भारत ने टी-20 वर्ल्डकप में अपना अंतिम मुकाबला खेला हैं जो कि निम्बाबिया के खिलाफ था. इस मुकाबले में भारत ने जीत हासिल की हैं. इस मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ था जिस पर शायद किसी की भी नज़र नही गई होगी. इस मुकाबले में खास यह था कि भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने हाथ में काले रंग का बैंड पहना था. इस चीज पर बहुत कम लोगो ने गोर किया होगा. आइये आपको बताते हैं कि आखिर भारतीय टीम ने अपने हाथ में काले रंग का बैंड क्यों पहना था इस मुकाबले में.
क्रिकेट के महानायक की याद में पहनी थी भारतीय टीम ने हाथों में काले रंग की पट्टी
हालहि में क्रिकेट की दुनिया के गुरी द्रोण माने जाने वाले तारक सिन्हा जी का स्वर्गवास हो गया हैं. तारक सिन्हा जी ने भारतीय क्रिकेट टीम को बहुत सारे खिलाड़ी दिए है और आज के समय भारतीय टीम जिस भी मुकाम पर है उसमे तारक सिन्हा जी का बहुत बड़ा हाथ हैं. तारक सिन्हा जी को गुरु द्रोण इसलिए बोला जाता हैं क्योंकि इनके सीखे हुए जितने भी शिष्य आज के समय मे भारतीय टीम में है वह सभी के सभी बहुत ही बहतरीन खिलाड़ी है.
ऋषभ पंत के कहने पर भारतीय टीम में तारक सिन्हा की याद में हाथों में पहने काले बैंड
तारक सिन्हा जी ने भारतीय टीम को शिखर धवन , ऋषभ पंत , पृथ्वी शो , आकाश चोपड़ा जैसे बहुत सारे खिलाड़ी दिए हैं. तारक सिन्हा जी ने पिछले 50 सालो में भारतीय टीम को बहुत सारे खिलाड़ी दिए है. यही कारण है कि इन्हें बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता हैं. भारतीय टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत के लिए गुरु द्रोण तारक सिन्हा जी उनके पिता की तरफ थे क्योंकि जब खाने के भी पैसे नही थे तो उन्होंने मुफ्त में ऋषभ पंत को क्रिकेट खेलना सिखाया. इसी के चलते ऋषभ पंत ने उनके जाने के बाद BCCI से मांग की टीम इस मुकाबले में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हाथ मे काला बैंड पहने. इस मांग को BCCI भी मना नह कर पाई क्योंकि तारक सिन्हा जी की सभी लोग बहुत ज्यादा इज़्ज़त करते हैं. यही वजह की भारतीय टीम ने अपने वर्ल्डकप के अंतिम मैच में तारक सिन्हा जी को श्रद्धांजलि देते हुए अपने हाथों में काले रंग का बैंड पहना है.