आईपीएल एक ऐसा टूर्नामेंट है जहां पर भारत के कई युवा बल्लेबाजों को अपना प्रदर्शन दिखाने का मौका मिला है। अभी तक आईपीएल के 16 सीजन हो चुके हैं जिनमें कई ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी निखर कर सामने आए हैं जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से विश्व क्रिकेट पर राज किया है। हाल-फिलहाल में आईपीएल में इन दिनों अगर किसी खिलाड़ी का नाम सबसे ज्यादा चल रहा है तो वह खिलाड़ी रहे हैं यशस्वी जयसवाल। आईपीएल का 1000वा मुकाबला मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच रविवार की रात वानखेडे स्टेडियम में खेला गया। इस मुकाबले में यशस्वी जायसवाल ने अपनी पारी से ऐसा समा बांधा है कि सभी लोग इस युवा बल्लेबाज की जमकर तारीफ करते नजर आए। आइए आपको बताते हैं सिर्फ 62 गेंदों में 124 रनों की पारी खेलने वाले इस बल्लेबाज ने इस मुकाम पर आने के लिए कितना लंबा संघर्ष किया है जिसकी कहानी लोगों के दिलों को जीत रही है।
यशस्वी जायसवाल ने इस मुकाम पर आने के लिए किया है लंबा संघर्ष, आजाद मैदान के बाहर लगाते थे पानी पुरी का ठेला
यशस्वी जयसवाल ने आईपीएल के 1000वे मुकाबले में जैसे ही मुंबई के खिलाफ 124 रनों की पारी खेली है तब सभी लोग इस बल्लेबाज के मुरीद हो गए हैं। यह पहला मौका नहीं था जब यह यशस्वी ने इतनी शानदार पारी खेली हो क्योंकि अंडर-19 क्रिकेट में भी वह दोहरा शतक लगा चुके हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश के रहने वाले इस शख्स के लिए मुंबई में आकर पहचान बनाना बिल्कुल भी आसान नहीं था क्योंकि वह ऐसे गरीब परिवार से आते थे जिनके पास क्रिकेट अभ्यास के लिए पैसे नहीं थे। मुंबई आने के बाद उन्होंने आजाद मैदान के बाहर पानी पूरी का ठेला लगाया और वह डेयरी में भी काम करते नजर आए थे। आइए आपको बताते हैं कैसे इसी दौरान उन्हें अपने कोच ज्वाला सिंह का साथ मिला जिसके बाद उनकी पूरी दुनिया बदल गई।
यशस्वी जयसवाल को गेंद ढूंढने के मिलते थे पैसे, सुबह 3:00 बजे पहुंच जाते थे अभ्यास करने
यशस्वी जयसवाल ने पैसे कमाने के लिए ऐसे काम भी किए हैं जिसे करने से लोग मना कर देते हैं। दरअसल मैदान में उन्हें गेंद ढूंढने की जिम्मेदारी दी जाती थी जिसे ढूंढने पर उन्हें कुछ रुपए दिए जाते थे। यहीं पर उनकी मुलाकात ज्वाला सिंह के साथ में हुई थी जो उस मैदान पर कोच की भूमिका में थे। ज्वाला सिंह ने यशस्वी के खेल को निखारने का काम किया और आज यशस्वी ने जब शानदार शतक लगाया तब खुद इस शतक का श्रेय उन्होंने अपने कोच को दिया। भले ही यशस्वी की यह पारी उनकी टीम के जीत में नहीं आ सकी हो लेकिन उसके बाद भी उनकी शानदार पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। जिस किसी ने भी इस खिलाड़ी के संघर्षों की दास्तान को सुना है तब सभी लोग उनके मेहनत की जमकर सराहना करते नजर आ रहे हैं और हर किसी को उम्मीद है कि यह खिलाड़ी आने वाले समय में जल्द ही भारतीय टीम में शामिल होगा।