भारत और चीन की सीमा पर सबसे अंत में आने वाला एक गांव जिसका नाम है माणा। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच काफी बार बॉर्डर पर तनातनी देखने को मिलती है। हाल ही में चीन अपनी नीतियों को लेकर पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है और काफी अलग-थलग अपने नीतियां अपना रहा है। ऐसे माहौल में जब चीन चारों तरफ भारत को घेरने का प्रयास कर रहा है तब भारत ने चीन की सीमा पर है सबसे आखिरी गांव माणा में हाल ही में हर्बल गार्डन का उद्घाटन किया है। यह एक बेहद ही सुंदर और आयुर्वेदिक गार्डन है जिसमें फूलों की काफी प्रजातियां देखने को मिलेंगी।
समुद्र तल से है बहुत अधिक ऊंचाई पर
उत्तराखंड के चमोली जिले मे माणा गांव में एक हर्बल गार्डन का पिछले शनिवार उद्घाटन हुआ है। यह हर्बल गार्डन समुद्र तल से लगभग 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। माणा गांव बद्रीनाथ मंदिर के पास ही स्थित है और यह चीन की सीमा के एकदम समीप है। उत्तराखंड वन विभाग के अनुसार यह गार्डन 3 एकड़ जमीन पर बनाया गया है जिसे माणा ग्राम पंचायत ने दिया है और इसका निर्माण केंद्र सरकार के कंपनसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड एक्ट स्कीम के तहत हुआ है।
पार्क को चार भागों में किया विभाजित
चीन की सीमा के समीप हाल ही में बना हर्बल गार्डन को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में बद्रीनाथ अर्थात भगवान विष्णु से जुड़े पेड़ पौधे हैं जैसे बद्री पेड़ भोजपत्र तुलसी बद्री बेर आदि दूसरे भाग में अष्ट वर्क प्रजातियां हैं इनमें रिद्धि वृद्धि जीवक काकोली आदि पेड लगे हैं तीसरे भाग में कमल की विभिन्न प्रजातियां हैं।
इस गार्डन के चौथे भाग में कई दुर्लभ वृक्ष और औषधीय वृक्ष हैं जैसे अतिस मीठा विष, छोटा अतीस, वन ककड़ी, पाषाणभेद कुटकी तानसेन का पेड़ आदि शामिल हैं। यह बेहद शानदार गार्डन है जहां पुष्पों की बहुत अधिक प्रजातियां हैं जिसकी वजह से यह दिखने में काफी आकर्षक और मोहक नजर आता है।