कहते हैं माँ के बिना जिंदगी नीरस हो जाती है और इसी वजह से कोई भी बच्चा अपनी माँ से पल भर के लिए जुदा नहीं रहना चाहता। हाल ही में अपनी माँ को बचाने के चक्कर में ऐसे ही एक शख्स ने बिना कुछ सोचे समझे कुएं में छलांग लगा दी और अपनी माँ को बचाने का उसने हर संभव प्रयास किया। जिसने भी माँ और बेटे की इस दुख भरी कहानी को सुना है तो वह यही कहते नजर आ रहा है कि मां और बेटे का रिश्ता सबसे बेहतरीन और मजबूत होता है। राजस्थान के जयपुर में यह मामला देखने को मिला जब एक माँ और बेटे की दुखद तरीके से एक कुएं में डूबने से जान चली गई। आइए आपको बताते हैं कैसे अपनी माँ को बचाने के क्रम में युवक ने पहले तो कुएं में छलांग लगा दी और वह अपनी माँ को बचाने की हर संभव कोशिश करता रहा जिसके उपरांत उसने दम तोड़ दिया।
गिरिराज ने अपने माँ को बचाने के लिए लगा दी जान की दांव, कुएं में गिर गई थी माँ
माँ और बेटे की एक बहुत ही बेमिसाल कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर सामने आई है जिसमें अपनी माँ को डूबने से बचाने के चक्कर में बेटा भी अपनी जान गवा बैठा है और जिसने भी इस बेटे की हिम्मत को देखा है तो वह यह कहता नजर आ रहा है कि हर माँ को ऐसा ही बेटा प्राप्त हो। इन दोनों माँ बेटो के बारे में गांव वालों को जैसे ही खबर मिली है कि यह दोनों इस हादसे का शिकार हो गए हैं तब सभी लोग इन दोनों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर कर रहे हैं और यह कहते नजर आ रहे हैं कि इन दोनों का अंत बहुत दुखद तरीके से हुआ। आइए आपको बताते हैं कैसे पहले तो गिरिराज की माँ सोनी देवी कुएं में गिरी और उन्हें बचाने के चक्कर में गिरिराज ने खुद कुएं में छलांग लगा दी।
खेत में काम करने के दौरान हुआ यह दुखद हादसा, माँ को बचाने में गई बेटे की जान
जयपुर के चाकसू थाना इलाके में एक कुएं में माँ और बेटे के शव को देखकर सनसनी मच गई और सभी लोग यह कहते नजर आए कि आखिर यह दुखद हादसा कैसे हो गया। दरअसल गिरिराज और उनकी माँ सोनी देवी खेत में काम करती थी और खेतों में पानी के लिए माँ कुएं के समीप गई थी और तभी सोनी देवी अपना संतुलन बरकरार नहीं रख सकी और वहीं पर कुएं में गिर पड़ी। कुएं में बढ़ते जलस्तर की वजह से वह निकलने में नाकामयाब रही और जैसे ही अपनी माँ को परेशानी में गिरिराज ने देखा तब उसने भी अपनी माँ को बचाने के लिए कुएं में छलांग लगा दी। कई घंटो तक मशक्कत करने के बाद भी जब माँ और बेटे बाहर नहीं निकल सके तब दोनों ने एक साथ जान गवा दी। गिरिराज की हिम्मत भरी दास्तान को जिसने भी सुना है तो यह कह रहा है कि अपनी माँ को बचाने के लिए यह लाल कुर्बान हो गया और जिसको देखकर सबकी आंखें नम हो रही है।