कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर हर कोई सिर्फ और सिर्फ खान परिवार की ही बात कर रहा है जिसके चलते हर किसी ने उन्हें ओर उनके नाम को चर्चा का विषय बना कर रखा हैं. जिस खान परिवार की हम बात कर रहे हैं वह बॉलीवुड के किंग खान का हैं. शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को मुम्बई पुलिस ने हालहि में 3 तारिक को सुबह 3 बझे एक क्रू पार्टी के दौरान हो रहा हानिकारक चीजो का सेवन ओर बाकी गलत कामो की वजह से पुलिस ने आर्यन को अंदर कर दिया है. आज आर्यन खान को करागहर में बंद हुए 24 दिन से भी ज्यादा हो गए है जिसके चलते उन्हें अभी तक रिहाई नही मिली हैं. शाहरुख खान ने अपने बेटे के लिए मुम्बई के बेस्ट वकील किए हैं लेकिन फिर भी उनकी रिहाई नही हो पा रही हैं. आर्यन खान के वकील ओर कोई नही बल्कि वही हैं जिन्होंने सलमान खान को हिरण वाले केस से रिहा करवया था. आर्यन खान के वकील का नाम अमित देसाई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा नामी वकील हैं.
20 तारिक की सुनवाई में खारिज़ कर दी कोर्ट ने आर्यन की बेल क्योंकि
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की अभी तक कोर्ट में 6 बार से भी ज्यादा सुनवाई हो चुकी हैं लेकिन अभी तक आर्यन को रिहाई नही मिली हैं. हालहिं में 20 तारिक को आर्यन खान की सुनवाई मुम्बई सेक्शन कोर्ट में हुई हैं. सुनवाई होने से पहले ही आर्यन खान के वकील अमित देसाई ने कोर्ट में बेल की माँग कर दी थी और उस दिन इसी पर सुनवाई होनी थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से दलील पेश करने वेल्स वकील ने आर्यन खान को बेल ना देने की बात बोली और लगता है शायद कोर्ट ने यह बात मान भी ली बिना किसी ठोस सबूत के और आर्यन खान की बेल की माँग को खारिज़ भी कर दिया. आर्यन की बेल की माँग खारिज़ होने के बाद सबके दिमाक में सिर्फ और सिर्फ एक ही सवाल था कि अब आर्यन खान को बेल कैसे मिलेगी.
खान परिवार ने खटखटाया अब हाई कोर्ट का दरवाजा , कर दी यह माँग
सेक्शन कोर्ट के बेल देने से मना करने के बाद अब आर्यन खान के वकील अमित देसाई ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं जिसके चलते सिर्फ इन्ही के ही चर्चे हैं. सेक्शन कोर्ट ने जैसे ही बेल देने की बात को खारिज़ की इसके तुरंत बाद ही अमित देसाई ने मीडिया को बताया कि अब हम हाई कोर्ट में आर्यन की बेल की माँग करेगे ताकि उसे इंसाफ मिल सके. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जब तक सेक्शन कोर्ट बेल देने से मना नही कर देता तब तक हाई कोर्ट से आप बेल लेने के मांग नही कर सकते हो. यह बात हमारे संविधान में लिखी हैं. अगर हाई कोर्ट भी बेल देने से मना कर दे तो उसके बाद सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही कुछ कर सकता हैं नही तक बेल ओर रिहाई दोनो ही मिलना बिल्कुल ना मुमकिन हैं.