टाटा एक ऐसी कंपनी है जो भारत में तब से चली आ रही है जब विदेशों से भारत का आयात निर्यात नही था। रतन टाटा के इस व्यवसाय में हर दूसरे दिन तरक्की होती जा रही है और टाटा ग्रुप हर वह वस्तुएं लोगों को उपलब्ध करवाता है जिसकी जरूरत लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में होती है। मोटर गाड़ी से लेकर हर वह वस्तु जो लोगों की जरूरत में आती है उसे टाटा समूह लोगों को मुहैया करवाती है। हर दूसरे दिन टाटा अपने व्यवसाय को आगे की तरफ अग्रसर कर रही है और साल 2023 के पहले अब इस कंपनी ने विदेशी कंपनियों के साथ अपनी साझेदारी बढ़ा दी है जिसके बाद अब टाटा समूह और भी बड़ा होने जा रहा है। आइए आपको बताते हैं टाटा समूह ने कौन सी विदेशी कंपनी के साथ अपने समझौते को और भी ज्यादा आगे कर लिया है जिसकी वजह से अब इसका व्यवसाय और भी ज्यादा आगे की तरफ बढ़ने वाला है।
टाटा ग्रुप नहीं ले रही है रुकने का नाम, विदेशी कंपनी के साथ कर रही है समझौता
रतन टाटा की अगुवाईमें टाटा ग्रुप हर दूसरे दिन आसमान की बुलंदियों को छू रही है। टाटा इन दिनों हर किसी की पहली पसंद की कंपनी बन चुकी है और सभी लोग जानते हैं कि यह कंपनी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आयात निर्यात करती है। हाल ही में साल 2023 के ठीक एक दिन पहले टाटा समूह ने कुछ विदेशी कंपनियों के साथ अपनी साझेदारी के हिस्से को बढ़ा दिया है जिसके बाद अब यह बात तय मानी जा रही है कि 2023 में टाटा समूह और भी ज्यादा बड़ा हो जाएगा और इसका फायदा कहीं ना कहीं इसके उपभोक्ताओं को मिलेगा। आइए आपको बताते हैं विदेश की किस कंपनी के साथ टाटा ने अपनी साझेदारी का हिस्सा बढ़ा दिया है जिसकी वजह से आने वाले साल में उनके उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर इसका फायदा मिल सकता है.
टाटा ने दक्षिण अफ्रीका की इस कंपनी के साथ किया है यह समझौता, लगभग ₹44 करोड़ में तय की है डील
टाटा मोटर्स इन दिनों एक बार फिर से कुछ विदेशी कंपनियों के साथ समझौता करती नजर आ रही है। कई विदेशी कंपनियों के साथ समझौता करने वाली यह कंपनी अब दक्षिण अफ्रीका की एक नामी कंपनी के साथ अपनी हिस्सेदारी को बढ़ोतरी कर रही है। इस हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए टाटा ने तकरीबन ₹44 करोड़ खर्च किए हैं और इसी वजह से दक्षिण अफ्रीका की नामी कंपनी जोकल्स में टाटा समूह का हिस्सा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। दरअसल दक्षिण अफ्रीका की जानी मानी कंपनी जोकल्स में टाटा समूह पहले से ही हिस्सेदार था लेकिन हाल ही में ₹44 करोड़ की लागत लगाकर अब टाटा ने अपनी हिस्सेदारी को और भी ज्यादा बढ़ा लिया है। टाटा मोटर्स की अब इस कंपनी में 51.7% की हिस्सेदारी हो गई है और इस बात के लिए दक्षिण अफ्रीका कि यह कंपनी भी हंसी-खुशी मान गई है। टाटा ग्रुप की यह चाल आने वाले समय में उसके लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है क्योंकि वैश्विक इकाई इस समय व्यवसाय के लिए बेहद जरूरी है