कहते हैं कि जोड़ियां ऊपर वाला बना कर भेजता है और यही कहावत महाराष्ट्र के शहर जलगांव में देखने को मिली जहां पर एक ऐसी जोड़ी की शादी हुई थी उसको देखकर एक समय में लोग मजाक बनाते नजर आते थे लेकिन कहा जाता है कि भगवान के घर में देर होता है लेकिन अंधेर नहीं और ऐसा ही कुछ नजारा इस गांव में तब देखने को मिला जब दूल्हे और दुल्हन की लंबाई को देखकर लोग अपने दांतों तले उंगलियां दबाते नजर आए हैं। दरअसल इस शादी में सबसे अनोखी बात जो थी वह यह थी कि इसमें दूल्हा जहां 36 इंच का था वही दुल्हन की लंबाई 31 इंच थी। इन दोनों ही वर वधु को देखकर सभी लोग यह कहते नजर आए कि इन दोनों की जोड़ी भगवान ने बनाकर भेजी है और आइए आपको बताते हैं कि कैसे बहुत ही नाटकीय अंदाज में यह शादी संपन्न हुई है जिसको देखने के बाद लोगों ने कहा है कि सच में इन दोनों की जोड़ी रब ने बनाई है.
संदीप और उज्जवला की शादी में आई कई रुकावटें, अटूट हो गया है अब बंधन
महाराष्ट्र के जलगांव में रहने वाले संदीप के माता-पिता इस बात को लेकर बहुत परेशान थे कि आखिर उनके बेटे के साथ शादी कौन करेगा क्योंकि संदीप की लंबाई सिर्फ 36 इंच थी और उनके माता-पिता ने भी हार मान ली थी कि अब उनका बेटा आजीवन कुंवारा रहेगा लेकिन किसी ने सच ही कहा है कि भगवान के घर में देर है लेकिन अंधेर नहीं क्योंकि संदीप की लंबाई कि तरह ही उनके शहर से कुछ किलोमीटर दूर रहने वाली उज्जवला की लंबाई भी सिर्फ 31 इंच थी और उज्वला के माता-पिता भी इस बात को लेकर हार मान चुके थे कि उनकी बेटी से कोई भी विवाह करेगा लेकिन इन दोनों की जोड़ी भगवान ने बनाकर भेजी थी लेकिन आइए आपको बताते हैं क्यों उज्जवला के पिता ने संदीप को अपना दामाद बनाने से एक समय में इंकार कर दिया था.
संदीप को अपना दामाद नहीं बनाना चाहते थे उज्जवला के पिता, संदीप में निकाल रहे थे यह कमी
महाराष्ट्र के जलगांव में एक बहुत ही अनोखी शादी बीते दिनों संपन्न हुई जिसमें संदीप जहां दूल्हा बने थे वहीं उनकी पत्नी उज्वला उनके साथ में सात फेरे ले रही थी। इन दोनों की लंबाई सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले में बहुत कम थी और एक समय में तो इन दोनों की शादी लगभग नहीं होने वाली थी क्योंकि उज्जवला के पिता नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी किसी ऐसे शख्स के साथ में शादी करें जो बेरोजगार हो क्योंकि इस समय संदीप के पास में कोई भी रोजी-रोटी नहीं थी लेकिन रोजी-रोटी ना मिलने के पहले संदीप एक नामी सोने की दुकान में काम करता था हालांकि कई बार समझाने और मनाने के बाद उज्वला के पिता भी अपनी बेटी के रिश्ते के लिए हंसी-खुशी राजी हो गए और उसके बाद पूरे पंचायत और ग्रामीण निवासियों के समक्ष उज्वला और संदीप एक दूसरे के साथ सात फेरे लेते नजर आए और इन दोनों की जोड़ी को देखकर हर कोई यह कह रहा था कि इन दोनों की जोड़ी रब ने बना दी है।