भारत में एक समय ऐसा था जब बेटे और बेटियों में अंतर किया जाता था और हमेशा सिर्फ़ और सिर्फ़ बेटों को ही ज़्यादा महत्त्वता दी जाती थी लेकिन आपको बता दे कि आज के समय में सब कुछ बदल चुका है क्योंकि आज के भारत में और पुराने भारत में रात–दिनका अंतर है ऐसा इसलिए क्योंकि अभी कुछ समय पहले ही एक बहुत बड़ी और सनसनी ख़बर सामने आई है जो कि यह है कि भारत की एक बेटी ने अपने पिता का सीना गर्व से चोड़ा कर दिया है ऐसा इसलिए क्योंकि यह लड़की अब पायलेट बन चुकी है और इतना ही नहीं बल्कि इस लड़की ने तो सबसे कम उम्र में पायलेट बन कर इतिहास रच दिया है. इसी वजह से वर्तमान समय ने भारत की इस बेटी के हर जगह काफ़ी चर्चे है. आपको बता दे कि इस लड़की के पिता के पास दो वक़्त की रोटी भी खाने के पैसे नहीं थे लेकिन फिर भी इसके पिता ने अपनी ख़ानदानी ज़मीन को बेचकर बेटी को पायलेट बना दिया. आगे आपको आर्टिकल में इस लड़की के बारे में बताते है जो इतनी कम उम्र में पायलेट बन गई है.
देश की यह बेटी बन गई सबसे कम उम्र में पायलेट, पिता का था कामियाबी में सबसे बड़ा हाथ
भारत में कुछ नौकरियों ऐसी होती है जिन्हें हासिल करना या बोल सकते है कि प्राप्त करना काफ़ी ज़्यादा मुश्किल है. इन नौकरियों में आईएएस, आईपीएस और पायलेट जैसी नौकरियाँ आती है. वर्तमान समय में मीडिया में हमारे भारत की एक बेटी के मीडिया में काफ़ी ज़्यादा चर्चे है ऐसा इसलिए क्योंकि अभी कुछ समय पहले ही एक बहुत बड़ी बात सामने आई है जो कि यह है कि भारत की एक बेटी ने सबसे कम उम्र में पायलेट बनकर इतिहास रच दिया है. इस लड़की के बारे में बताए तो इसका नाम मैत्री पटेल नाम है जो गुजरात के सूरत की रहने वाली है. इस मैत्री के पिता एक किसान है जिनके पास दो वक़्त की रोटी भी ठीक से खाने के पैसे नहीं थे लेकिन फिर इस किसान ने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए काफ़ी कुछ कर दिया और अपनी ख़ानदानी ज़मीन तक बेच दी. इस ग़रीब किसानका नाम कांति भाई पटेल है. आगे आपको आर्टिकल में बताते है कि इस ग़रीब किसान ने किस प्रकार अपनी बेटी मैत्री का पायलेट बनने का सपना पूरा किया है.
ग़रीब किसान कांति भाई पटेल ने किया अपनी बेटी मैत्री का पायलेट बनने का सपना पूरा, करा बेटी के लिए ये सब
मैत्री पटेल जो कि भारत की रहने वाली है वह मात्र 19 साल की उम्र ने भारत में नहीं बल्कि अमेरिका में पायलेट बन गई है. जिसके चलते वर्तमान समय में हर जगह मैत्री के ही चर्चे है. आपको बता से कि मैत्री के पिता कांति भाई पटेल मात्र एक किसान थे जिनके पास कुछ भी नहीं था लेकिन फिर भी कांति भाई ने अपनी बेटी का सपना पूरा किया और उसके लिए अपनी गाँव की ज़मीन तक बेच दी जिस पर वो खेती करते थे. अगर सीधे शब्दों में बोला जाए तो गुजरात के सूरत में रहने वाले इस किसान ने अपनी बेटी के लिए अपना सब कुछ बेच दिया और इस बेटी मैत्री ने भी निराश नहीं किया और अपने सपने को साकार कर दिया है और अब अमेरिका में पायलेट बन गई है.