भारत एक ऐसा अलौकिक शहर है जहां पर भिन्न-भिन्न तरह के लोग रहते है। वैसे तो भारत में शानदार तरीके से तकनीक का विस्तार हो रहा है लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के एक ऐसे एयरपोर्ट के बारे में जो सबसे छोटा एयरपोर्ट माना जाता है। पिछले कुछ समय में हवाई यात्रा के साधन काफी ज्यादा बढ़े हैं जिसकी वजह से एयरपोर्ट को काफी विस्तार रूप दिया जाता है लेकिन भारत में एक ऐसा एयरपोर्ट भी है जो सिर्फ छोटे विमानों के लिए बनाया गया था और आज उसके निर्माण के 28 साल के बाद भी वह एयरपोर्ट भारत का सबसे छोटा एयरपोर्ट है। आपको बता दें कि यह एयरपोर्ट भारत के मेघालय राज्य में स्थित है। आइए आपको बताते हैं इस एयरपोर्ट की क्या खासियत है जिसकी वजह से इसे भारत का सबसे छोटा एयरपोर्ट कहां जाता है।
मेघालय में स्थित है भारत का सबसे छोटा एयरपोर्ट, लंबाई जानकार नहीं होगा आपको यकीन
मेघालय में स्थित हवाई अड्डा इन दिनों लोगों के बीच चर्चा में है। आपको बता दें कि इस एयरपोर्ट का नाम बलजेक हवाई अड्डा है। इसे लोकल भाषा में लोग तूरा एयरपोर्ट के नाम से भी पहचानते हैं। मेघालय से 33 किलोमीटर उत्तर पूर्व में इस एयरपोर्ट का निर्माण करवाया गया था। उस समय यहां पर यातायात के ज्यादा साधन नहीं थे और इसी वजह से सिर्फ एक 20 सीटर विमान के लिए इस एयरपोर्ट का निर्माण करवाया गया था। साल 1983 में इसका प्रस्ताव रखा गया था जिसके 12 साल बाद यहां पर एयरपोर्ट बनाने की मंजूरी रखी गई थी। 1995 से शुरू हुए इस कार्य को पूरा करने में तकरीबन 13 साल का समय लग गया। 2008 में मेघालय का यह एयरपोर्ट पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया था। आइए आपको बताते हैं एयरपोर्ट के रनवे की पूरी लंबाई कितनी है जिसे जानकर आप को भी यकीन नहीं होगा।
भारत के इस सबसे छोटे एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई है मात्र इतने किलोमीटर, सिर्फ छोटे जहाज को उतरने की है अनुमति
भारत में आम तौर पर हमेशा बात बड़े एयरपोर्ट की की जाती है। किसी भी सामान्य एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 5 किलोमीटर तक होती है। लेकिन मेघालय में स्थित एयरपोर्ट इतना छोटा है कि यहां पर बड़े एरोप्लेन को उठाने की कोई इजाजत ही नहीं होती है। आपातकालीन स्थिति के लिए यहां पर ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई है कि यहां पर किसी बड़े एरोप्लेन को उतारा जा सके इसकी सबसे बड़ी वजह है कि मेघालय में जो एयरपोर्ट स्थित है उसका रनवे सिर्फ 1 किलोमीटर का है। यही वजह है कि यहां पर सिर्फ प्राइवेट जेट और छोटे एरोप्लेन को उतरने की इजाजत दी गई है। यहां से सफर करने वाले लोग भी बेहद कम होते हैं क्योंकि यह पर इक्का-दुक्का एरोप्लेन ही चलाए जाते हैं। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार अब मेघालय के एयरपोर्ट के विस्तार पर ध्यान देगी ताकि यहां पर भी पर्यटकों की आवाजाही को बढ़ाया जा सके क्योंकि मेघालय एक प्रगतिशील राज्य बन चुका है इसी वजह से लोग इसके एयरपोर्ट के विस्तार की मांग कर रहे हैं।