वर्तमान समय में शहर की लड़किया काफी आगे बढ़ रही है लेकिन वही अगर गांव की बात करे तो गाँवों में आज भी वही पुरानी प्रथा चलती आ रही है जिसको लेकर आज भी कफी विरोध किये जा रहे है लेकिन गावो में तो सभी यही करते आ रहे है लड़किया की कम उम्र में ही शादी कर दी जाती है जिसके कारण वो अपने द्वारा देखे गए सपनो को पूरा नहीं कर सकती है लेकिन आज गांव की एक लड़की ने वो कर दिखाया जो की इस समय काफी कम लोग कर सकते है खबर आई है की गांव की एक लड़की ने अपनी शादी के बाद अपने सपने को पूरा किया है इस लड़की की बचपन में ही शादी कर दी गई थी जिससे वो अपने पूरा नही कर सकी थी लेकिन फिर शादी के बाद अपने इस सपने को पूरा कर दिखाया तो आइये आपको आगे के आर्टिकल में बताते है की ये लड़की कौन है और किस तरह इसने अपने इस सपने को पूरा किया है.
गांव की इस लड़की ने कर दिखाया थानेदार बनने का सपना पूरा, इस तरह किया है अपना ये सपना पूरा देखे
गांव में लड़किया को आज भी काम पढ़ाया लिखाया जाता है लेकिन वही कुछ लड़किया ऐसी भी होती है जो की हार नहीं मानती है और अपना सपना पूरा करने में लग जाती है इसी तरह बाड़मेर की हेमलता जाखड़ है जिसने अपने बचपन में देखे गया सपने को अपनी शादी के बाद पूरा कर दिखाया आपको बता दे की हेमलता जाखड़ ने अपना ये सपना बचपन में 8 साल की कम उम्र में ही देख लिया था उसके बाद हेमलता ने सोच लिया था की वो अपने इस सपने को पूरा करके ही रहेगी लेकिन फिर उनकी 18 साल की उम्र में ही शादी कर दी गई लेकिन उसके बाद भी हेमलता ने हर नहीं मानी और अपने थानेदार बनने के इस सपने को पूरा कर दिखाया तो आइये आपको गए के आर्टिकल में बताते है की हेमलता ने थानेदार बनने के इस सपने को कैसे पूरा किया है|
हेमलता जाखड़ ने शादी के बाद कर दिखाया अपने इस सपने को पूरा, इस तरह की थानेदार बनने के लिए मेहनत
हेमलता जाखड़ ने आज अपना सपना पूरा कर लिया है जिसको लेकर वो इस समय सोशल मिडिया पर काफी ज्यादा चर्चा में बनी हुई है जैसा की अपने देखा की हेमलता जाखड़ ने अपना थानेदार बनने के सपने को पूरा कर दिखाया हेमलता की शादी बचपन में ही कर दी गई थी उसके बाद हेमलता ने शादी के कुछ समय बाद ही माँ बन गई फिर सबसे पहले आंगनवाड़ी एक्टिविस्ट बनकर बच्ची को पालने के साथ-साथ ग्रेजुएशन की उसके बाद लोगों से कर्ज लेकर पढ़ाई की ससुराल वालो ने काफी कुछ बोलै भी लेकिन जिस वर्दी से 8 साल की उम्र में ही प्यार हो गया हो उसको वो कैसे छोड़ सकती थी इसी लिए करीब 8 साल की म्हणत करने के बाद हेमलता को ये वर्दी पहनने का मौका मिला और उसके बाद वो अपने गांव गई वह हेमलता को इस वर्दी में देखने के बाद सभी काफी ज्यादा खुश हो गए हेमलता के भाई ने तो उनको उठकर पुरे गांव में घुमाया ये पुरे गांव की पहली सरकारी अफसर है जिसने अपना सपना पूरा किया है|