आप सब लोगो ने रतन टाटा के बारे में तो सुना ही होगा ,जिस रतन टाटा की हम पूजा करते है जिनकी दरियादिली पूरी दुनिया में मशहूर है उस रतन टाटा को किसने इतना बड़ा उधोग पति बनाया .आज हम बात करने जा रहे उस रतन टाटा के बेटे की ,जिसने रतन टाटा को रतन टाटा बनाया .आप भी सोच रहे होगे क्या बात कर रहे हो तो ये गुथी बाद में हल करेंगे ,पहले हम आपको ये बताते है की हिंदुस्तान के पहला पायलट लाइसेंस 1929 में मिला था .भारत की पहली कमर्शियल एयरलाइन 1932 में चली ये दोनों काम जिसको मिले वो रतन टाटा का गुरु थे .
कोण थे रतन टाटा के गुरु
दोस्तों आपको बता दे की हिंदुस्तान के इतिहास में किसी को भारत रतन नहीं मिला ,अगर किसी को मिला था तो वो थे जे आर डी टाटा थे .देश का पहला कैंसर हॉस्पिटल किसी ने बनाया तो वो थे जे आर डी टाटा ,इन्होने ने ही वैज्ञानिक भाबा के साथ मिलकर परमाणु रिसर्च सेण्टर खोला .देश में जितने भी वर्कर है उनको पूजा करनी चाइये जे आर डी टाटा की क्योकि इन्होने ने ही पहली बार 8 घंटे काम करने किसने पैदा किया तो वो भी थे जे आर दी टाटा .
देश में पहली बार प्रोविडेंट फण्ड कोण लाया तो वो भी दोस्तों थे जे आर डी टाटा और इनके बाद ही भारत सरकार ने प्रोविडेंट फण्ड को जरूरी कर दिया .ऐसा देश भगत उद्योगपति भारत के इतिहास में पैदा नहीं हुआ होगा ,एक बार आजादी से पहले अंग्रेजी सरकार ने इनको इंग्लैंड का सबसे बड़ा इनाम देना चाहा ,और कोई होता तो ले लेता पर इन्होने वो सम्मान लेने से मन कर दिया .
क्यों है इतने महान जे आर डी टाटा
इनका बचपन फ्रांस में बिता पिता का नाम था रतन जे आर डी टाटा और माता थी सुजेन जो की फ्रांस की नागरिक थी ,इनका बचपन से ये सपना था की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पड़ेंगे और इंजिनियर बनेंगे .पर अचानक फ्रांस में एक रूल बना की हर आदमी को जो 20 साल का होगा उसको आर्मी ज्वाइन करनी पड़ेंगी और फिर इनको भी आर्मी ज्वाइन करना पड़ा .और फिर इनको अपने पिता जी कहने पर फ्रांस से सीधा बिहार के जमेशदपुर में आना पड़ा ,वहा उनको अपनी पिता जी की इंडस्ट्री ज्वाइन करनी पड़ी लेकिन उनको ऑफिस नहीं मिला बल्कि मिला एक स्टूल और अपनी ही फैक्ट्री में नौकरी करनी पड़ी और वो भी बिना तनखा के .
इसके बाद जे आर डी टाटा ने एक से बड कर रिकॉर्ड बनाये और टाटा को देश का सबसे बड़ा उद्योग घराना बना दिया .