गुजरात के रहने वाले एक आदमी ने अपनी बेटी के नाम को इस तरह फेमस किया कि लोग उसके नाम को दिन में कई बार उसके नाम को बोलते थे। इस गुजराती ने खुद के बेटी की याद में ओर दुनिया उनकी बेटी को याद रखे इसके लिए उसने एक डिटर्जेंट की फैक्ट्री खोली ओर ब्रांड का नाम खुद की बेटी के नाम और रखा “निरमा वाशिंग पाउडर”। उस समय यह नाम लोगी की जुबान पर रट सा गया था।
क्या नाम था उस गुजराती का ? किस तरह उसने इसकी शुरआत करी?
इस गुजराती का नाम करसन भाई पटेल है। इनका जन्म 1 छोटे से किसान परिवार में हुआ था। इनके पिताजी इनके घर का गुजारा खेती-बाड़ी करके करते थे, लेकिन करसन भाई के पिताजी ने उनको पढ़ाने में कोई कमी नही छोड़ी।करसन भाई ने केमिस्ट्री से बी.एस.सी करि है। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें 1 छोटी से जॉब मिल गयी लेकिन कुछ समय बाद ही उनके नसीब चमक गए और उन्हें गुजरात के सरकारी चेमिसट्री के लैब में नौकरी मिल गयी। यह जाके उनके परिवार वाले बहुत खुश थे।
एक दिन स्कूल से आते टाइम उसकी बेटी का एक्सीडेंट हो गया जिसके उसकी मौत हो गयी। पटेल भाई को बहुत बड़ा सदमा लगा। जैसे तैसे करके उन्होंने खुद को संभाला , ओर उसी दिंउन्होने सोच लिया की ऐसा काम करेगे जिस से पूरा भारत उसकी बेटी के नाम को जाने।
यही सोच कर पटेल भाई ने डिटर्जेंट बनाने का काम शुरू कर दिया तो खुद बेचने लगा। उसने उस डिटर्जेंट की रेट बाकी डिटर्जेंट से बहुत कम रखी। जहा बाजार में डिटर्जेंट 13 रुपये का मिलता है वही वो डिटर्जेंट 4 रुपये में बेचते था। उसने अपने इस डिटर्जेंट का नाम खुद के बेटी के नाम पर रखा “निरमा”।आपने बचपन मे एक एडवर्टिजमेंट भी सुना होगा -“हीना ,मीना ओर करीना सबकी पसंद निरमा , वाशिंग पाउडर निरमा”। इनके इस डिटर्जेंट ने आसमान के ऊचांई यो को छू लिया।
कैसे ,क्या ओर कितनी सेल होती थी इस डिटर्जेंट पाउडर की-…
पटेल साहब अपना यह बिज़नेस बहुत आगे तक ले गए थे। उन्हें इस डिटर्जेंट के बिज़नेस में इतनी सफलता मिली के वह दुनिया के टॉप 100 अमीर लोगो मे नाम आने लगा। वो टाइम इनके लिए एक गोल्डन टाइम के तरह था। पटेल साहब का सालाना का पैसे का टर्नओवर 2500 करोड़ से भी ज्यादा था। बच्चे बच्चे को उनकी ब्रांड का नाम मुँह जबानी याद था। इसलिए क्योंकि उनके एडवर्टिजमेंट ही बहुत यूनिक था। यही कारण था की वो केवल 1 एक नाम नही एक ब्रांड था ओर आज भी वो उतना ही बड़ा ब्रांड है। खुद के बेटी ने नाम से शुरू किया हुआ बिज़नेस उन्हें कामियाबी यो के उचाई यो पर लेके चला गया ओर उन्होंने यह नाम बनाने के लिए मेहनत भी बहुत ज्यादा करी थी।