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गायो के तबेले में काम करके बन गयी जज

अक्सर देखा जाता है हमारे देश में लडकियों को किसी चीज़ के काबिल नही समझा जाता लेकिन कई ऐसी अफ्वाद लड़कियां होती है जो इस वाक्य को गलत ठहराती है. आज हम बात कर रहे है राजस्थान के उदयपुर जिले की RJs topper सोनल शर्मा की. सोनल का जन्म उदयपुर में हुआ, माता पिता की लव मैरिज के कारण लोगो ने सोनल के माता पिता और सोनल के परिवार का भविष्कार कर दिया था. कोई भी व्यक्ति समाज में सोनल के माता पिता की इज्जत नही करता था. सोनल बताती है की कोई भी शादी ब्याह में सोनल के परिवार को नही बुलाया जाता था अगर कोई रिश्तेदार इनको बुलाता भी था तो भी सारे मेहमानो के जाने के बाद सोनल के परिवार को बुलाया जाता था ताकि कोई भी सोनल के परिवार से ना मिल पाए. सोनल को ये बात काफी खटकती थी सोनल अपने माता पिता की खोई हुई इज्ज़त वापस लौटाना चाहती थी. सोनल ने इस वक़्त में ये जान लिया था की समाज में खोई हुई इज्ज़त सरकारी नौकरी पाने से वापस आ सकती है.

आपको बतादे सोनल बचपन से ही पढने में बहुत अच्छी थी उन्होंने 10वी और 12वी की परीक्षा में टॉप भी करा उनकी शुरू से ही रूचि पढने में रही है. सोनल ने जब 12वी परीक्षा में टॉप करा तो सोनल के एक टीचर ने सोनल को खुदके घर पर खाना खाने बुलाया और यही से सोनल की जीवन में बदलाव आना शुरू हुआ.

टीचर ने सोनल से पुछा तुमने १२वि की परीक्षा में तो टॉप कर लिया लेकिन अब क्या करना चाहती हो सोनल को इसका जवाब नही पता था. सोनल को उनके टीचर ने बोला की चूँकि तुम बोलने में अच्छी हो तुम LLB कर सकती हो. तब से ही सोनल ने ठान लिया की उनको अब LLB ही करनी है. सोनल ने अपने माता पिता के साथ जाकर अगले ही दिन LLB के कॉलेज में दाखिला ले लिया.

सोनल ने ना सिर्फ पढाई बल्कि हर चीज़ में रूचि ली और कॉलेज में सोनल एक होनाहार स्टूडेंट के नाम से जानी जाने लगी, सोनल कॉलेज में आने वाले जज से बहुत प्रेरणा लेती थी और तभी से उनके मन में आ गया था की उनको अब जज बनना है और उन्होंने बहुत मेहनत करी चूँकि सोनल जनरल category से थी तो वो २ बार मात्र 3 और २ नंबर से रह गयी, लेकिन उन्होंने हार नही मानी और लास्ट में उन्होंने सारे राउंड क्लियर कर लिए और देश की बेटी सोनल शर्मा बन गयी RJs सोनल शर्मा.

सोनल अपने पुराने दिन याद करते हुए बताती है की उन्होंने अपने कॉलेज और स्कूल फीस भरने के लिए बहुत संघर्ष किया है, सोनल अपने पिता के साथ गाय के तबेले में काम करती थी और गाय का गोबर तक उठाती थी. सूबह पांच बजे उठकर तबेले में काम करने के बाद सोनल स्कूल कॉलेज जाती थी. सोनल के जज बनने के बाद उनके माता पिता और सोनल के परिवार को अपनी खोई हुई इज्ज़त वापस मिल गयी. हम उम्मीद करते है आपको ये प्रेरणा दायक कहानी काफी पसंद आई होगी.

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