माता पिता के लिए उसकी संतान सबसे बड़ा धन होती है और एक माता पिता अपनी संतान के लिए कुछ भी कर सकते हैं। आजकल गर्भवती महिलाएं डिलीवरी के समय अस्पताल में जाती हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो और अगर उनके बच्चे को भी कोई परेशानी है तो अस्पताल में तुरंत उसका इलाज हो सके। ऐसा ही एक मामला सामने आया है इसमें 1 मासूम को पैदा होने के बाद वार्मर में रखा गया। लेकिन अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही और अनदेखी के चलते वार्मर से धुआं निकलने लगा और फिर बच्चे की जलने के कारण मृत्यु हो गई।
अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से हुई एक मासूम की मृत्यु
दरअसल मामला उत्तर प्रदेश के कौशांबी का है जहां एक अस्पताल में मासूम बच्चे की लापरवाही के चलते हैं मौत हो गई। अस्पताल में बच्चे के इलाज के लिए उसे एसएनसीयू वार्ड के वार्मर में रखा गया। लेकिन वार्मर में कुछ तकनीकी खराबी होने की वजह से ज्यादा गरम हो गया और स्टाफ ने इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और बच्चे की झुलस जाने की वजह से मृत्यु हो गई। आरोप लगाए जा रहे थे। अस्पताल का स्टाफ मोबाइल में व्यस्त था इसलिए बच्चे पर ध्यान ही नहीं दे पाया।
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
मामला हरिशचंद्रपुर गांव के रहने वाले जावेद का है उसने 2 दिन पहले अपनी पत्नी को जिले के अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती करवाया था लेकिन नवजात शिशु में कुछ परेशानी हुई इसके कारण डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया। थोड़ी देर बाद बच्चे को वार्मर पर रखा गया और बच्चा हंसता खेलता हुआ दिखाई दे रहा था लेकिन इसके बाद शाम को लगभग 7:00 बजे जब बच्चे की दादी वापस उसे देखने गई तो नवजात शिशु के शरीर से दुआ निकल रहा था इसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। जावेद ने आरोप लगाया है कि बच्चे को हीटिंग पैड पर रखने के बाद अस्पताल का स्टाफ बाहर घूम रहा था और मोबाइल में लगा हुआ था। इस कारण से बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाया और एक नवजात मासूम की मृत्यु हो गई।
जावेद के पिता ने दर्ज कराई रिपोर्ट, मांगा है इंसाफ
नवजात शिशु की हीटिंग पैड पर रखे जाने की वजह से मृत्यु हो गई। उसके बाद उसके पिता जावेद ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है और न्याय की मांग की है। अस्पताल के सीएमएस डॉ दीपक सेठ ने भी पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इस घटना के बाद नवजात शिशु के परिजनों में काफी आक्रोश है और वह निष्पक्ष जांच चाहते हैं।