तपस्या परिहार जिन्होंने हाल ही में आईएएस की परीक्षा में 23वा स्थान प्राप्त किया है उनकी शादी बीते दिनों बहुत ही धूमधाम के साथ आईएएस गर्वित गंगवार के साथ में हुई। इस शादी में काफी बड़े बड़े सितारे में पहुंचे हुए थे और इस शादी के आखिरी लम्हों में कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी क्योंकि तपस्या परिहार जो दुल्हन बनी थी उन्होंने अपने माता-पिता को कन्यादान देने से साफ इनकार कर दिया और यह कहते नजर आई कि आप दोनों मेरा कन्यादान मत करो। जिसने भी तपस्या की इस बात को सुना तो पहली बार में उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि आखिर तपस्या ऐसा क्यों कहती नजर आ रही है लेकिन आइए आपको बताते हैं आईएएस तपस्या परिहार ने आखिर क्यों अपने माता-पिता को कन्या दान देने से रोक दिया और कुछ ऐसी बात कही जिसको सुनकर सभी लोग जमकर उनकी तारीफ करते नजर आए हैं और उनके आगे नतमस्तक हो गए.
तपस्या परिहार ने नहीं करने दिया अपने माता-पिता को कन्यादान, पति गर्वित भी हो गए बेहद खुश
नरसिंहपुर जिले की रहने वाली आईएएस तपस्या परिहार बीते दिनों बेहद चर्चा में आ गई हैं क्योंकि हाल ही में इस आईएएस अफसर ने अपने माता-पिता को अपना कन्यादान नहीं करने दिया है और यह कहा है कि वह अपने माता-पिता को ऐसा बिल्कुल भी नहीं करने देगी। तपस्या की शादी गर्वित गंगवार के साथ ही बीते दिनों हुई है और माना जाता है कि किसी भी शादी में कन्यादान का एक विशेष महत्व होता है और इसी शादी के दौरान जैसे ही तपस्या के माता-पिता कन्यादान करने के लिए उठे तब तपस्या को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई और उन्होंने अपने माता-पिता को कन्या दान करने से रोक दिया। आइए आपको बताते हैं तपस्या परिहार ने अपने माता पिता को कन्या दान करने से क्यों रोक दिया.
तपस्या परिहार ने इस वजह से नहीं करने दिया माता-पिता को अपना कन्यादान, दिल जीत लेगा तपस्या का यह जवाब
आईएएस की महिला ऑफिसर तपस्या परिहार बीते दिनों गर्वित गंगवार के साथ सात फेरे करके सुर्खियों में आ गई है। दरअसल अपनी शादी के दौरान तपस्या परिहार ने खुद का कन्यादान नहीं करवाया और ना ही उन्होंने अपने माता-पिता को यह काम किसी और को करने की सलाह दी। तपस्या परिहार के साहसिक कदम को देखकर पहले तो लोग आश्चर्यचकित हो गए और लेकिन बाद में जब तपस्या ने खुद अपनी बात रखी तब सभी लोग उनके आगे नतमस्तक हो गए और जमकर उनके इस साहसिक कदम की तारीफ करते नजर आए। तपस्या परिहार के माता-पिता जब कन्यादान करने के लिए आगे बढ़े तब तपस्या ने खुद लोगों से क्षमा मांगते हुए कहा कि वह कोई वस्तु नहीं है जो किसी भी व्यक्ति को दान कर दी जाए वह उनकी बेटी है और इसी वजह से वह सिर्फ उन्हें आशीर्वाद देकर अपने घर से विदा करें। लोगों को तपस्या की यह बात कहीं ना कहीं बिल्कुल सही लगी और इसी वजह से लोग जमकर तपस्या परिहार के इस साहसिक कदम की जमकर प्रशंसा करते नजर आए और यह कहते नजर आए कि उन्होंने एक अच्छी पहल की है।