भारत और इंग्लैंड के बीच एकदिवसीय श्रृंखला का आखिरी और निर्णायक मुकाबला मैनचेस्टर के मैदान में खेला गया। इस श्रृंखला में दूसरा मुकाबला जीतकर इंग्लैंड ने सीरीज को 1-1 से बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया था जिसकी वजह से मैनचेस्टर में होने वाला यह मुकाबला दोनों ही टीमों के लिए करो या मरो वाला मैच था। निर्णायक मुकाबले में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया। कप्तान रोहित शर्मा के फैसले को सही साबित करते हुए भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड के ओपनर्स को सस्ते में आउट कर दिया। गेंदबाजों की सटीक लाइन और लेंथ की वजह से इंग्लैंड की टीम 46वे ओवर में 259 रनों पर सिमट गई। 260 रनों के आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और 17वें ओवर तक अपने सलामी बल्लेबाजों सहित भारतीय टीम 72 रनो पर 4 विकेट गंवाकर संकट में थी. ऐसे समय में मोर्चा संभालते हुए भारत के युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत ने ऐसी शानदार पारी खेली कि लोगों को धोनी की याद आ गई और वह सभी के लिए संकट मोचक बन गए. आगे आपको आर्टिकल में बताते है की पंत किस प्रकार आज टीम के लिए संकट मोचक बने.
ऋषभ पंत में नज़र आई धोनी की झलक, निकाला टीम को मुश्किल समय से बाहर
भारतीय क्रिकेट टीम को धोनी के रिटायरमेंट के बाद से ऐसा कोई रिप्लेसमेंट नहीं मिला है जो शुरुआती विकेट गिरने के बाद मैदान पर टिककर गेंदबाजों का सामना करें और अंतिम ओवरों में रन गति बढ़ाएं। धोनी के बाद से ही भारतीय टीम लगातार ऐसे फिनिशर की खोज में है जो विकेट को संभाल कर रखें और आखिरी ओवरों में गेंदबाजों पर प्रहार करें। इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक मुकाबले में युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत ने धोनी की तरह अपने पारी की शुरुआत बेहद धीमी की लेकिन नजर जमते ही उन्होंने धीरे-धीरे खुलकर बल्लेबाजी करना शुरू कर दिया और हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर 133 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की। ऋषभ पंत को विदेश के मैदान कुछ ज्यादा ही रास आती है और यही वजह है कि एक बार फिर से उन्होंने इंग्लैंड की जमीन पर अपने शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए शानदार पारी खेली। पंत की इस पारी में सबसे अच्छी बात यह थी कि उन्होंने सिर्फ खराब गेंदों पर ही शॉट नहीं लगाएं बल्कि अच्छी गेंदों को बेहतरीन ढंग से सम्मान भी दिया. आगे आपको आर्टिकल में यही बताते है किस तरह धोनी का रूप पंत ने धारण कर लिया.
पंत ने शतक लगाकर जीत दिलाकर दिल दी आज धोनी की याद, कर लिया मैदान में धोनी का अवतार धारण
पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा था कि धोनी के रिटायरमेंट के बाद कोई भी बल्लेबाज भारतीय टीम को मुश्किल समय में आने के बाद संभाल नहीं पाता था। 2019 वर्ल्ड कप के बाद से ही भारतीय टीम को कोई ऐसा फिनिशर नहीं मिल सका है जो शुरुआती विकेट गिरने के बाद समझदारी से बल्लेबाजी करते हुए टीम के स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाएं लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक मुकाबले में ऋषभ पंत ने जिस अंदाज में पारी खेली उससे विंटेज धोनी की यादें ताजा हो गई जिस तरह ऋषभ पंत ने अपनी पारी को सूझबूझ से आगे बढ़ाया उसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। ऋषभ पंत के 27वे एकदिवसीय मुकाबले में यह उनका पहला शतक है। ऋषभ पंत के इस शानदार पारी की बदौलत भारत ने 2-1 से यह श्रृंखला जीत ली है.