हार्दिक पांड्या की कप्तानी में भारतीय टीम आज से वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 मुकाबले के श्रृंखला की शुरुआत करेगी। टेस्ट श्रृंखला और एक दिवसीय श्रृंखला के बाद भारतीय टीम की निगाह है टी20 श्रृंखला को भी अपने नाम करने पर होगी। लेकिन भारतीय टीम के लिए यह इतना भी आसान नहीं होने वाला है क्योंकि वेस्टइंडीज की टीम इस प्रारूप की सबसे बेहतरीन टीम मानी जाती है। प्रारूप बदलते ही अब वेस्टइंडीज टीम के कप्तान में भी बदलाव हो चुका है और टी-20 मुकाबलों की कप्तानी रोमन पॉवेल करते नजर आएंगे। आपको बता दें कि आईपीएल में भी रोमन पॉवेल ने अपने बल्ले से लोगों को बहुत प्रभावित किया था और हाल ही में उनके निजी जीवन की कुछ जानकारियां सामने आई है जिसे जानकर सभी लोग उनके संघर्षों को बहुत ही सराहनीय कहते नजर आ रहे हैं। आइए आपको बताते हैं वेस्टइंडीज की टीम के कप्तान ने कैसे बचपन से ही बहुत संघर्ष देखा है और उन सभी को पार करके आज वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक बन चुके।
रोमन पॉवेल ने किया है इस मुकाम पर पहुंचने के लिए लंबा संघर्ष, पिता नही चाहते थे अपनाना
रोमन पॉवेल भारतीय टीम के खिलाफ वेस्टइंडीज के लिए कप्तानी करते नजर आएंगे। इस खिलाड़ी की बल्लेबाजी शैली से हर कोई प्रभावित है और आपको बता दें कि रोमन पॉवेल का जब जन्म भी नहीं हुआ था तब उस समय ही उनके पिता यह नहीं चाहते थे कि उनका जन्म हो। इसी वजह से उन्होंने अपनी पत्नी को यह कहा था कि उन्हें यह बच्चा नहीं चाहिए और इन्हें रास्ते से हटा दे। लेकिन रोमन पॉवेल की मां ने इस बात को मंजूर नहीं किया और उन्होंने अकेले ही रोमन पॉवेल और उनकी बहन का पालन पोषण किया। रोमन पॉवेल बचपन से ही अपने पिता से दूर रहें और जब वह अपने स्कूल में पढ़ते थे तब उसी समय उन्होंने अपनी मां को यह वादा किया था कि वह उन्हें गरीबी से मुक्ति दिलाएंगे। आइए आपको बताते हैं कैसे रोमन पॉवेल ने अपनी बात को सार्थक कर दिखाया है जिसकी वजह से उनकी मां बड़े ही गर्व के साथ उन्हें देखती है।
रोमन पॉवेल करते है अपनी मां को बहुत ज्यादा प्यार, मां ने किया है पालन पोषण में लंबा संघर्ष
रोमन पॉवेल जो वेस्टइंडीज की टीम के कप्तान है इन दिनों उनके संघर्षों की दास्तान लोगों को बहुत पसंद आ रही है। आपको बता दें कि जब रोमन बच्चे थे तब उनकी मां ने अकेले ही उनकी और अपनी बेटी का पालन पोषण किया। हालांकि उनकी मां के लिए यह सब इतना आसान नहीं था जिसकी वजह से ही दूसरे घरों में जाकर कपड़े धोती थी और उन्हें बर्तन धोना पड़ता था। लेकिन उसके बाद भी उन्होंने अपने बच्चे की परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी और उन्हें अच्छे पढ़ाई लिखाई से रूबरू करवाया। अपनी मां के इस संघर्ष को देखते हुए ही रोमन ने खूब संघर्ष किया और आज वह सिर्फ वेस्टइंडीज ही नहीं बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनकर अपनी मां की सेवा कर रहे हैं जिसे जानकर सभी लोग इस खिलाड़ी के संघर्षों की खूब तारीफ कर रहे हैं।