टाटा नमक भारत के उस समय शुरू हुआ था जब भारत में आयोडीन की भारी कमी थी जब बच्चे पैदा हुआ करते थे तो उन्हें अलग अलग तरह की बीमारियां हो जाया करती थी। टाटा नमक की शुरुआत 1983 में हुई थी। नमक हमारे देश में बहुत ही वैल्यू रखता है। आपने शोले फिल्म तो देखी ही होगी उसमें एक डायलॉग था की सरदार मैंने आपका नमक खाया है। भारत देश में एक समय ऐसा था देश बीमारियों से जूझ रहा था उस समय टाटा ग्रुप ने एक नमक बनाया जिसका नाम टाटा नमक रखा। उन्होंने सोचा कि वह देश के बच्चों की आयोडीन की कमी को पूरा करेंगे और वह करके भी दिखाया।
काफी अच्छी है टाटा नमक की क्वालिटी
जैसे कि टाटा के सभी ब्रांड बहुत ही अच्छे और ट्रस्ट वर्दी आते हैं। उनका यह नमक भी धीरे-धीरे लोगों के घरों में अपनी जगह बना चुका था। जैसा इसका नाम था वैसे इसकी क्वालिटी भी थी और यह कम पैसों में भी मिल जाया करता था। साल 2015 में टाटा नमक भारत देश का दूसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला नमक बन गया था।
नहीं किया था अपने लाभ के लिए यह काम
आपको बताना चाहिए कि टाटा ग्रुप नेम प्रॉफिट कमाने के लिए यह काम शुरू नहीं किया था उन्होंने इस नमक की क्वालिटी और आयोडीन की मात्रा को ध्यान में रखते हुए इस नमक को बनाया था। उनका कहना था कि हमारा लक्ष्य है कि हर घर में हमारा नमक खरीदा जा सके और देश के आने वाली पीढ़ी निरोगी हो।
टाटा की सफलता के पीछे हैं उनकी रिसर्च का हाथ
देखते ही देखते टाटा नमक पूरे देश में सफलता की ऊंची सीढिया चढ़ चुका था। आज के समय में हर घर में टाटा नमक खरीदा जाता है। आपको बताना चाहेंगे कि टाटा नमक को इस सफलता के पीछे उनकी आरएनडी टीम का काफी बड़ा हाथ था उन्होंने इस नमक को बनाने से पहले काफी रिसर्च की थी।
भारत का सबसे पहला ब्रांड था
आपको बता दें कि टाटा नमक जब आया था वह भारत का पहला ब्रांड था इससे इन को काफी फायदा हुआ। आज के समय में टाटा नमक में 5000 से ज्यादा लोग काम करते हैं। आज के समय में लगभग 1900000 से भी ज्यादा दुकानों पर टाटा नमक उपलब्ध है। टाटा नमक ने अपनी टैगलाइन में भी लिखा था कि देश का नमक इससे यह लोगों में देशभक्ति के साथ जुड़ा रहा। आज के समय में टाटा नमक भारत का सबसे बड़ा नमक का ब्रांड है।