क्रिकेट की दुनिया मे कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो आज के समय मे जो कुछ भी हैं वह सिर्फ और सिर्फ अपने गुरु की ही वजह से है. क्रिकेट भारत के लोगो के लिए उनकी भावनाओं से बिल्कुल कम नही है. किसी भी खिलाड़ी को उनकी मंजिल हासिल करवाने में उसके कोच का , उसके गुरु का सबसे बड़ा हाथ होता है. ऐसा ही क्रिकेट में भी होता हैं, क्रिकेट में ऐसा कोई भी नही हैं जो बिना कोच के आगे नही बढ़ सकता हैं. महेंद्र सिंह धोनी , जो कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान थे वह भी आज जो कुछ भी अपने कोच की वजह से ही है ऐसा इसलिए क्योंकि धोनी को क्रिकेट नही बल्कि फुटबॉल ज्यादा पसन्द था लेकिन फिर भी इनके कोच ने उन्हें क्रिकेट खेलने पर ज्यादा जोर दिया जिसके चलते आज के समय मे महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट की दुनिया में एक तरफा नाम हैं.
नही रहे ऋषभ पंत के गुरु तारक सिन्हा , भारतीय महिला टीम भी रह चुके हैं कोच
धोनी की जैसे बहुत सारे क्रिकेटर्स हैं जो आज के समय मे जिस भी मुकाम पर पर उसमे उनके कोच का बहुत बड़ा हाथ हैं. महेंद्र सिंह धोनी की ही तरह वर्थमान समय मे भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी ऋषभ पंत भी गुरु थे जिन्होंने ऋषभ पंत के टैलेंट को पहचाना था और आज उन्ही की बदौलत ऋषभ पंत आज के समय मे भारतीय टीम है और इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. ऋषभ पंत के गुरु और कोई नही बल्कि क्रिकेट के सबसे बड़े गुरु माने जाने वाले तारक सिन्हा हैं. हालहिं में खबर आई है कि तारक सिन्हा जी नही रहे हैं उनका स्वर्गवास हो चुका है. यह ऋषभ पंत के लिए ही नही बल्कि भारतीय टीम के बहुत सारे खिलाड़ियो के दुःख की बात है. तारक सिन्हा ने भारतीय क्रिकेट टीम को बहुत सारे स्टार खिलाड़ी दिए हैं जिसके चलते उनका क्रिकेट की दुनिया मे एक तरफा नाम चलता है. तारक सिन्हा जी की बात करे तो उन्होंने शिखर धवन , आकाश चोपड़ा और भी बहुत सारे दिल्ली के खिलाड़ी है जिनके टैलेंट को शार्प करके भारतीय टीम को दिए है. सिन्हा साहेब जिस क्रिकेट क्लब में सिखाते थे उसका नाम सोनेट क्लब हैं. यह क्लब दिल्ली में है. तारक सिन्हा जी ने भारतीय अंतराष्ट्रीय महिला टीम के भी कोच रह चुके है.
पिता से भी बढ़कर थे ऋषभ पंत के लिए तारक सिन्हा
ऋषभ पंत और उनके कोच तारक सिन्हा के बीच बहुत ही ज्यादा प्रेम था. ऐसा इसलिए क्योंकि एक समय ऐसा था जब ऋषभ के पास कुछ भी नही था लेकिन फिर भी उन्हें तारक सिन्हा जी ने ही शरण दी. ऋषभ पंत के लिए तारक सिन्हा जी पिता के समान थे ऐसा इसलिए क्योंकि एक पिता ही होता है जो कि अपने बच्चे को मुश्किल में नही देख सकता हैं. ऐसा ही कुछ तारक सिन्हा और ऋषभ पंत के बीच मे भी था. अपने गुरु तारक सिन्हा की के स्वर्गवास के बाद ऋषभ पंत ने उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से भावपूर्ण श्रधांजलि दी थी. ऋषभ पंत ने सोशल मीडिया पर अपनी और अपने कोच की फ़ोटो पोस्ट की थी. इस फोटो में ऋषभ पंत ने लिखा था कि गुरु जी मेरे पिता समान नही बल्कि मेरे पिता ही थे क्योंकि जब भी में कमजोर पड़ता और हिम्मत हारता तो मुझे सबसे पहले सहारा मेरे गुरु तारक सिन्हा ही देते.