भारत के सबसे अमीर लोगों की बात करें तो उनमें अंबानी और टाटा का नाम सबसे पहले आता है। दोनों ही व्यक्तियों ने अपने जीवन में बहुत सारा पैसा कमाया है लेकिन क्या आप जानते हैं मुकेश अंबानी और रतन टाटा में से कौन अधिक अमीर है किसके पास ज्यादा पैसे? अगर हम बात करें अधिक अमीर होने की तो लोगों के दिमाग में नाम आता है मुकेश अंबानी का। लेकिन ऑल ओवर देखा जाए तो मुकेश अंबानी रतन टाटा के आसपास की नहीं है। दोनों के व्यवहार और सोच में काफी अंतर है। आज आपको बताते हैं दोनों की क्या हकीकत है।
धीरूभाई अंबानी ने शुरू किया था रिलायंस कॉरपोरेशन
धीरूभाई अंबानी ने अपने दम पर अपना बिजनेस खड़ा किया। पहले धीरूभाई अंबानी एक पेट्रोल पंप पर काम किया करते थे लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने एक-एक पाई जोड़ना शुरु किया और जब कुछ पैसे जमा हो गए तो रिलायंस कॉरपोरेशन नाम से एक कंपनी शुरू की यह कंपनी लोगों को मसाला मुहैया कराती थी। धीरे धीरे अपने बिजनेस माइंड की वजह से धीरूभाई अंबानी आगे बढ़ते हुए चले गए और वर्ष 2002 में उनकी कंपनी का रेवेन्यू लगभग ₹75000 था। लेकिन इससे आगे का सफर वह तय नहीं कर पाए और 2002 में ही उनकी मृत्यु हो गई।
मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी ने संभाला बिजनेस
धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बाद उनके दो बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में संपत्ति को आधा-आधा बांट दिया गया। जहां एक तरफ अनिल अंबानी आज कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं और अपने नेटवर्क जीरो बता रहे हैं वहीं दूसरी ओर मुकेश अंबानी फिलहाल भारत के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
टाटा कंपनी ने कैसे की शुरुआत
जमशेद टाटा ने छोटी उम्र में ही ₹21000 से अपना बिजनेस शुरू किया। जिस समय बिजनेस करना लोग जानते भी नहीं थे तब जमशेदजी टाटा ने टैक्सटाइल मिल्स में खुद की पहचान बनाई और लगातार आगे बढ़ते हुए चले गए। जमशेद टाटा की मृत्यु के बाद उनके बेटे दोराबजी टाटा ने अपने पिता के सपनों को नीचा नहीं होने दिया और उनके हाइड्रोलिक पावर प्लांट स्टील टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के सपनों को साकार किया और कंपनी को ऊंचाइयों की ओर ले गए। दोराबजी टाटा के बाद कंपनी की जिम्मेदारी जहांगीर टाटा ने संभाली और 1930 में जब टाटा की केवल 14 कंपनियां थी उन्हें वह 95 कंपनियों तक ले गए। उसके बाद बारी आती है रतन टाटा की जिन्होंने अपने जीवन में हमेशा दूसरे लोगों का भला सोचा है और ईमानदारी से कार्य किया है और आज लगभग 135 कंपनियों के मालिक हैं।
रिलायंस ग्रुप और टाटा ग्रुप के नाम हैं इतनी कंपनियां
रिलायंस ग्रुप की बात करें तो रिलायंस ग्रुप के पास कुल 6 कंपनी है जबकि टाटा ग्रुप के पास कुल 135 कंपनियां हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो टाटा, रिलायंस ग्रुप से बहुत आगे है। टाटा ग्रुप के पास 135 कंपनियां होने के बाद भी अंबानी को अधिक अमीर क्यों माना जाता है इसके पीछे भी एक खास हो जाए और यह वजह है कंपनी के शेयर में हिस्सा होना।
मुकेश अंबानी के पास रिलायंस ग्रुप के 48% शेयर हैं जबकि रतन टाटा के पास टाटा ग्रुप के मात्र 1% शेयर हैं। क्योंकि मुकेश अंबानी जहां रिलायंस ग्रुप पर पूरी तरह से खुद का अधिकार बना रखा है वही रतन टाटा ने कंपनी के शेयर को अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत संस्थाओं के नाम शहर बांध रखे हैं जिनमें दोराबजी संस्था जमशेदजी संस्था आदि समाज सेवी संस्थाएं हैं जिनका टाटा कंपनी में हिस्सा है।
मुकेश अंबानी और रतन टाटा में कौन है बड़ी शख्सियत
अगर हम दोनों में ज्यादा अमीर होने की बात करें तो वह हैं मुकेश अंबानी लेकिन समाज में कार्य करने और देश के लोगों के बारे में सोचने और उनके लिए जरूरी प्रयास करने में रतन टाटा मुकेश अंबानी से काफी आगे हैं और वह हमेशा देश और देश की जनता के अच्छे भविष्य के बारे में सोचते हैं जबकि मुकेश अंबानी लगभग सभी कार्य खुद की दौलत बढ़ाने के लिए करते हैं।
दोनों की कुल संपत्ति है इतनी
मुकेश अंबानी के नेट वर्थ 84 बिलियन डॉलर है। जो भारत में किसी भी व्यक्ति की सबसे अधिक है इसलिए भारत का सबसे अमीर मुकेश अंबानी कहलाता है। दूसरी तरफ बात करें तो रतन टाटा की खुद की पर्सनल नेट वर्थ मात्र 68 करोड रुपए हैं और वह 60 लाख के एक छोटे से घर में रहते हैं। लेकिन बात की जाए टाटा ग्रुप की तो टाटा ग्रुप का नेट वर्थ लगभग 123 बिलीयन डॉलर है जो रिलायंस से काफी आगे हैं।