रामायण को हिन्दू समाज मे बहुत ज्यादा मन जाता है क्योंकि यह एक पवित्र ग्रंथ है जिससे लोगो को सीखने को मिलता हैं कि किस प्रकार भगवान श्री राम ने रावण का सर्वनाश किया है. रामायण के लिए बोला जाता है कि इसमें जो कुछ भी लिखा है उसकी एक-एक बात बिल्कुल सच है. बहुत सारे लोगो का कहना है कि रामायण में लिखा है वह सब कुछ बढ़िया है लेकिन इसका क्या प्रमाण है कि पवित्र ग्रंथ रामायण में जो कुछ भी लिखा हुआ वह बिल्कुल सच है. आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से बातएगे की रामायण जैसी पवित्र किताब में लिखी हुई एक-एक बात बिल्कुल सत्य हैं और क्यों लोग इसको इतना मानते हैं. इसी के साथ-साथ यह भी बातएगे जी प्रभु श्री राम और दशानन रावण बीच मे सत्य में युद्ध हुआ था जिसमे श्री राम में रावण का सर्वनाश करके जीत हासिल कर ली थी.
दक्षिण समुन्द्र में आज भी तैरता है श्री राम के नाम का पत्थर , जानकर हो गए थे सभी हैरान
रामायण एक बिल्कुल सत्य घटना पर आधारित हैं. ऐसा इसलियस क्योंकि रामायण में लिखी हुई एक-एक बात बिल्कुल सत्य है. हालहि में किसी न्यूज़ चैनल की एक टीम यह पता लगाने के लिए गई थी कि क्या सही में भगवान श्री राम ने समुन्द्र को पार करके लंका जाकर रावण से घमासान किया था. रामायण में लिखा हुआ है कि भगवान श्री राम ने समुन्द्र को पार करने के लिए समुन्द्र में अपने नाम के पत्थर तैराय थे. बोला जाता है की भगवान श्री राम की सेना में दो जने ऐसे थे जिनको किसी ऋषि मुनि का यह श्राप था कि वह अगर समुन्द्र में कोई भी चीज फेंकेगे तो वह कभी नही डूबेगी.
आज भी तैरते है श्री राम के नाम के पत्थर समुन्द्र में
श्री राम के लिए यह श्राप वरदान बनकर निकला. इन दोनों का नाम नल ओर नीर था. श्री राम और उनकी सेना ने नल ओर नीर की मदद से पानी मे पत्थर फैंके ओर एक पुल बना लिया और इसकी मदद से समुन्द्र को पार कर लिया. भारतीय न्यूज़ चैनल की टीम जब इस घटना के सच का पता लगाने गई तो उन्हें वहां समुन्द्र के के बीच मे कुछ पत्थर तैरते हुए दिखाई दिए जिन पर राम लिखा हुआ था. यही सभी देखकर सारे रिपोर्टर हैरान हो गए और फिर विश्वास करने लग गए कि रामायण एक सत्य घटना पर आधारित हैं.
श्री राम ओर रावण बीच इस जगह हुआ था युद्ध का गमासान
भगवान श्री राम और लंकापति रावण के बीच मे सत्य में युद्ध हुआ था. इस बात का प्रमाण खुद श्रीलंका ने दिया है. जिस जगह राम जी और रावण के बीच मे गमासान हुआ था वह श्रीलंका देश मे हैं और उसका नाम ‘ युद्घगनावा ‘ हैं. जब श्रीलंका के कुछ वैज्ञानिकों ने इस जमीन की मिट्टी की जाँच की तो पता चला कि हज़ारो साल पहले यहा एक बहुत भयंकर गमासान हुआ था. इस बात की पुष्टि होने के बाद सबको विश्वास हो गया कि रामायण में लिखी हुई एक-एक बात सत्य हैं.