असफलता सफलता की पहली सीढ़ी होती है। कई बार यह देखा जाता है कि लोग कुछ प्रयास में विफल रहने के बाद अपने सपनों को वहीं पर छोड़ कर आगे बढ़ जाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो तब तक अपने संघर्षों को करते रहते हैं जब तक उन्हें अपने सपनों की मंजिल मिल नहीं जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है राजस्थान की आईएएस अधिकारी परी बिश्नोई ने जिनके लिए यहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल था क्योंकि उन्हें बार-बार अपने प्रयास में विफलता मिल रही थी लेकिन पड़ी बिश्नोई भी ऐसी जिद पर अड़ी हुई थी कि उन्हें हर हालत में अपने सपनों को पूरा करना था और आखिरकार उन्होंने वह सपना साकार कर दिखाया जिसके लिए वह बनी हुई थी। आइए आपको बताते हैं कैसे राजस्थान की इस बिटिया ने अपने संघर्षों को पार करते हुए और असफलताओं से निराश ना होते हुए आज आईएएस अधिकारी बनकर अपने मां-बाप का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है और अपने सपने को सच कर दिखाया है।
परी बिश्नोई को दो बार मिली असफलता, तीसरी बार में मिली कामयाबी
राजस्थान की बिटिया परी बिश्नोई ने 2019 में आईएएस अधिकारी बनकर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। आपको बता दें कि दिल्ली में जाकर उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी और उसी दौरान उन्होंने यह ठान लिया था कि वह आईएएस ही बनकर दम लेगी। हालांकि परी के लिए यहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल था क्योंकि उनके समाज में अभी तक किसी भी महिला ने आईएएस अधिकारी होने के ख्वाब को पूरा नहीं किया था लेकिन परी बिश्नोई ने ठान रखा था और इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली परीक्षा जब दी तब उन्होंने अपना पूरा संघर्ष दिखाया लेकिन पहली परीक्षा में असफल होकर परी बिश्नोई पूरी तरह से टूट गई। हालांकि परी उन छात्राओं में से एक है जिन्हें असफलता से बिल्कुल भी डर नहीं लगता और आइए आपको बताते हैं कैसे एक बार फिर से परी ने अपने अंदर का आत्मविश्वास जगाया और अपना सपना सच कर दिखाया।
परी को दूसरे प्रयास में भी नहीं मिली सफलता, माता-पिता ने बढ़ाया ढाढस
परी बिश्नोई को पहले प्रयास में जब सफलता नहीं मिली तब एक बार फिर से उन्होंने अपना पूरा जोर लगाकर यूपीएससी की दूसरी बार परीक्षा दी लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था क्योंकि परी बिश्नोई अपने दूसरे प्रयास में भी असफल रही और कहीं न कहीं दूसरे प्रयास में असफल रहने के बाद उनकी हिम्मत जवाब दे रही थी लेकिन परी बिश्नोई के माता-पिता ने हर कदम पर उनका साथ निभाया और यह कहा कि तुम अपने सपनों की उड़ान को पूरा कर सकती हो और फिर क्या था परी बिश्नोई ने 2018 में एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार पूरे भारत में उन्होंने 30वा रैंक प्राप्त किया। परी बिश्नोई ने आखिरकार अपना वह सपना सच कर दिखाया जिसके लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा और खुद परी ने बताया कि यह सब उनके लिए इतना आसान नहीं था क्योंकि लगातार असफल होने से उन्हें खुद पर संदेह होने लगा था लेकिन अपने माता-पिता की बदौलत आज उन्होंने वह सपना सच कर दिखाया जो उन्होंने अपने लिए देखा था।