वर्तमान में महिला सशक्तिकरण काफी तेजी से बढ़ रहा है। आज के समय महिलाएं अपनी खुद की मेहनत की बदौलत समाज में आगे बढ़ रही हैं और पुरुषों को हर क्षेत्र में टक्कर दे रही हैं। हम चाहे पढ़ाई की बात करें या खेलकूद की या फिर किसी अन्य क्षेत्र की, हर तरफ आज के समय महिलाओं का काफी बोलबाला है। महिलाओं को लेकर लोगों की रूढ़िवादी सोच भी परिवर्तित होती नजर आ रही है।
कभी पर ऐसे निर्णय और कारणों में देखने को मिले हैं जिन्हें देखकर एहसास होता है कि आज का समाज काफी बदल रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां पिता के निधन के बाद घर की सबसे बड़ी बेटी को ही घर का मुखिया बनाया गया। पुराने समय में जहां किसी के घर के मुखिया का उत्तराधिकारी बेटा ही होता था वही आज बदलते हैं परिवेश के चलते एक बड़ी बेटी को मुखिया बनाया गया है।
पिता के निधन के बाद बड़ी बहन को पगड़ी पहनाकर बनाया घर का मुखिया
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मेरठ की जहां एक नई कहानी लिखी गई है जिसके चलते पिता के निधन के बाद अंतिम संस्कार करके तेरहवीं पर घर की बड़ी बहन को उनके भाइयों ने पगड़ी पहनाकर मुखिया बना दिया। परिवार के बुजुर्गों और भाइयों ने पगड़ी रस्म में शादीशुदा बेटी को ही घर का मुखिया घोषित कर दिया। दरअसल महिला का नाम उर्वशी चौधरी है और वह 39 वर्ष की हैं जो मेरठ में ही एक एडवोकेट और समाजसेवी का कार्य करती हैं। उनके तीन छोटे भाई विकास, वरुण और विवेक हैं तथा एक छोटी बहन ऐश्वर्या है।
बड़ी बहन के हाथों करवाया पिता का अंतिम संस्कार
मेरठ के रहने वाले इस परिवार ने पुरानी परंपराओं को तोड़कर एक नया इतिहास रचा है जो आगे आने वाले समय में महिलाओं को और अधिक सशक्त और मजबूत बनाएगा। इस परिवार ने पिता के निधन के बाद अंतिम संस्कार के लिए घर की बड़ी बहन को ही चुना और उसी ने पिता का अंतिम संस्कार किया।
गौरतलब है कि 7 सितंबर को इनके पिता हरेंद्र सिंह का बीमारी के चलते निधन हो गया था। हरेंद्र एक किसान और प्राइवेट टीचर थे। घर में सबसे बड़ी बेटी उर्वशी चौधरी और पिता का आपसी प्रेम बहुत अधिक था और हर एक सलाह में उर्वशी का हाथ होता था। आज अपने पिता के निधन के बाद वही घर की मुखिया बन कर जिम्मेदारी निभा रही है एल। घर के सभी सदस्यों ने अपने रजामंदी से उन्हें मुखिया बनाया है