आज के समय हर व्यक्ति जिंदगी की भाग दौड़ में इतना व्यस्त रहता है कि उसे खुद के लिए टाइम ही नहीं मिल पाता है। ऐसे में काफी लोग यह भी सोचते हैं कि इस रोजमर्रा की भागदौड़ से दूर किसी पहाड़ पर घूमने जहां उनके मन और मस्तिष्क को शांति मिले। भारत में काफी लोग छुट्टियां बिताने के लिए या फिर किसी पिकनिक के लिए हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं इसी के चलते हिमाचल प्रदेश में हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते हैं। काफी लोग जब पहाड़ी इलाकों में घूमते हैं तो यह भी सोचते हैं कि काश उनका भी यहां एक घर होता जहां वह आनंद से रह पाते और शहर की भागदौड़ से दूरी बना कर रह सकते। आज आपको एक ऐसे ही दंपति के बारे में बताते हैं जिसने पहाड़ों में एक घर का सपना साकार कर लिया।
हम बात कर रहे हैं दिल्ली के रहने वाले एक दंपति की। अनिल चेरुकुपल्ली और उसकी पत्नी आदित्य ने दिल्ली में रहने का फैसला किया था। इसके बाद उनके जीवन में मोड 2018 में तब आया जब उन्होंने शहरी जीवन को त्याग कर एक सादा जीवन जीने की योजना बनाई। दोनों पति-पत्नी ने शहर से दूर पहाड़ों में अपना आशियाना बनाने का फैसला किया लेकिन इसमें काफी समस्याएं थी क्योंकि उन्हें मकान बनाने के बारे में कोई ज्ञान नहीं था, ना ही वह कंस्ट्रक्शन जानते थे और ना ही उन्हें आर्किटेक्ट के बारे में कुछ ज्ञान था।
घर बनाने के लिए इस दंपति ने काफी मेहनत की हालांकि दोनों ही घूमना पसंद करते हैं। इसलिए पर्यावरण के क्षेत्र में भी काम करने का अच्छा खासा अनुभव है। इस दंपति ने “वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर” जैसी गैर सरकारी संगठनों में काम किया है। इस दंपति का कहना है कि दोनों की नौकरी की वजह से उनकी सोच में परिवर्तन आ गया। एक छोटा सा घर और पास में खुली जगह और आसपास जंगल उन्हें काफी आराम और सुकून देता है इसलिए उन्होंने ऐसी जगह पर ही रहने का फैसला किया।
इस दंपति ने उत्तराखंड के फगुनीखेत में 5000 फीट की ऊंचाई पर फगुनिया फार्म स्टे का निर्माण किया। जंगल और झरनों के बीच तीन मंजिल आई है घर देखने में बेहद खूबसूरत लगता है इस घर को उन्होंने काफी हेरिटेज तरीके से बनाए हैं। इस घर का निर्माण पत्थर और लकड़ी से इस तरह किया गया कि तापमान के प्रति है अनुकूल रहता है अर्थात सर्दी में गर्म और गर्मी में ठंडा रहता है। इस घर को बनाने में जिस तरीके से मटेरियल का इस्तेमाल हुआ तो यह घर काफी वर्षों तक बिल्कुल भी नहीं मिलेगा।