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इस महान भारतीय राजा ने रोल्स रॉयस जैसी लग्जरी गाड़ी को लगा दिया था कचरा उठाने में

भारत पहले अलग-अलग रियासतों से मिलकर बना हुआ था। भारत के इतिहास में कई महान राजा हुए हैं। आज आपको ऐसे ही एक भारतीय राजा के बारे में बताते हैं जिन्होंने दुनिया में सबसे शानदार लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी रोल्स रॉयस को घुटनों पर लाने को मजबूर कर दिया था। हम बात कर रहे हैं भारत में राजस्थान राज्य के अलवर जिले के महाराजा जय सिंह प्रभाकर की। जिन्होंने दुनिया की मशहूर और लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी रोल्स रॉयस की इस कदर बेज्जती कर दी थी कि इसकी महंगी गाड़ियों को अपनी रियासत में कचरा उठाने वाली गाड़ी के तौर पर उपयोग किया जाने लगा। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी।

महाराज जयसिंह कि रोल्स रॉयस ने की थी बेज्जती

हम बात कर रहे हैं अलवर के महाराजा जय सिंह प्रभाकर की। यह बात सन 1920 की है जब महाराज जय सिंह लंदन गए हुए थे। वहां वह एक शानदार महल में रुके इसके बाद अगले दिन सुबह सुबह साधारण कपड़ों में बाहर टहलने के लिए चले गए। तभी वह एक रोल्स रॉयस के शोरूम के सामने से गुजरे तब उनकी नजर रोल्स रॉयस की गाड़ियों के ऊपर पड़ी। उन्हें गाड़ियां बहुत अधिक पसंद आई। तब वह इन गाड़ियों को पास से देखने के लिए उसके शोरूम के अंदर जाने लगे तब वहां मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें रोका क्योंकि महाराज जय सिंह साधारण कपड़ों में थे इसलिए वे उसे पहचान नहीं पाए और एक साधारण और गरीब आदमी समझ कर उसे वहां से बेज्जती करके बाहर निकाल दिया।

इस तरीके से राजा जयसिंह ने रोल्स रॉयस की उड़ाई धज्जियां

राजा जयसिंह को इस बात का बहुत बुरा लगा और उन्हें खुद के साथ किए हुए ऐसे बर्ताव के कारण काफी गुस्सा भी आया। इसके बाद उन्होंने रोल्स रॉयस को सबक सिखाने का मन बना लिया। कुछ समय बाद राजा जयसिंह फिर से अपने राजशाही पोशाक पहनकर rolls-royce के शोरूम में गए, उनके साथ उनके नौकर भी थे। तब शोरूम के कर्मचारियों को यह पता लगा कि जो पहले व्यक्ति आया था वह भी राजा जयसिंह ही था। इसके बाद उनको बड़ी लज्जा महसूस हुई लेकिन शाही ठाठ बाट के लिए जाने जाने वाले जयसिंह अपनी बेइज्जती का बदला लिए बिना कैसे रह सकते थे। राजा जयसिंह ने वहां मौजूद सभी गाड़ियों को खरीदने के लिए आदेश दिया।

राजा जयसिंह के पास धन संपत्ति की कोई कमी नहीं थी इसलिए उन्होंने सभी गाड़ियों को नगद रुपए देकर खरीद लिया। इससे शोरूम के सभी कर्मचारी भी काफी खुश हो गए और राजा जयसिंह वहां से सभी गाड़ियों को भारत ले आए। जब यह गाड़ियां भारत पहुंची तो राजा जयसिंह ने अपने रियासत के नगर निगम को गाड़ियां उपहार के तौर पर दे दी और उन्हें आदेश दिया कि इन गाड़ियों को कचरा उठाने के लिए काम में लिया जाए।

रोल्स रॉयस से जब कचरा उठाने लगे तो यह बात काफी लोगों में आग की तरह फैल गई। और लंदन के रोल्स रॉयस शोरूम तक भी बात पहुंची। इसके बाद लोगों ने रोल्स रॉयस गाड़ी को खरीदना बंद कर दिया। क्योंकि लोगों का कहना था कि यह गाड़ी तो कचरा उठाने में इस्तेमाल की जाती है। अब धीरे-धीरे रोल्स रॉयस की गाड़ियों की खरीद में कमी आने लगी तब rolls-royce के मालिक को आभास हुआ कि महाराजा जयसिंह के साथ किए गए बर्ताव की वजह से उन्हें इतना घाटा झेलना पड़ रहा है। इसके बाद उन्होंने एक पत्र लिखकर राजा जयसिंह से माफी मांगी और अपने कर्मचारियों के बुरे बर्ताव के लिए माफीनामा पेश किया और आग्रह किया कि उनकी गाड़ियों को कचरा उठाने में इस्तेमाल नहीं किया जाए। इसके बाद महाराजा जयसिंह ने रोल्स रॉयस के मालिक और कर्मचारियों को माफ कर दिया और निवेदन स्वीकार करते हुए गाड़ियों से कचरा उठाना बंद कर दिया।

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