दोस्तों आपको बता दें कि पिछले 2 वर्षों में भारत समेत पूरी दुनिया काफी परेशानियों से जूझ रही है। इस दौरान भारत बंद रहा और लोगों ने घर पर रहकर ही अपने कार्य किए। काफी लोगों का इस दौरान जॉब भी छूट गई। घर पर रहकर जहां लोग मस्ती मजाक के वीडियो देखते हैं और अपना वक्त गुजार रहे हैं वही एक छोटी सी बच्ची ने ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसके चलते उसकी चारों तरफ तारीफ की जा रही है।
हम बात कर रहे हैं महज 11 वर्ष की मान्या हर्षा के बारे में जिसने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जिसके बारे में लोगों ने सोचा तक नहीं था। इस 11 वर्ष के बच्चे ने सब्जी के छिलकों से कागज बना दिया। यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन जहां बड़े-बड़े लोग यह कारनामा नहीं कर सकते वहीं मात्र 11 वर्ष की मान्या हर्षा ने यह कारनामा कर दिखाया। इसकी बदौलत आज इस छोटी सी बच्ची ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा दिया है।
सब्जी के छिलकों से बनाया कागज
आज के समय भारत में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है जिसके चलते हर एक छोटे शहर में भी कचरा उठाने वाली गाड़ियां पहुंच जाती हैं यह व्यवस्था आज के समय घर घर दी जा रही है। सामान्य तौर पर आम लोग सब्जी के छिलकों को कचरे में फेंक देते हैं। लेकिन 11 साल की इस छोटी सी बच्ची ने सब्जी के छिलकों से ही इको सस्टेनेबल कागज बना दिया है।
महज 6 वर्ष की उम्र से कर रही है पर्यावरण संरक्षण के कार्य
आपको बता दें कि मान्या जब 6 वर्ष की थी तब से वह पर्यावरण संरक्षण का कार्य कर रही है। आमतौर पर जहां लोग पानी की बर्बादी करते हैं वही यह बच्ची पानी की बर्बादी, पिकनिक स्पॉट्स पर गंदगी फैलाना, सिंग यूज़ प्लास्टिक आदि के प्रति लोगों को बचपन से जागरूक कर रही है। मान्या ने एक दिन अपनी रसोई के कचरे से ही कागज बना दिया था। इस बच्चे का कहना है कि “एवरीडे किचन वेस्ट टू ईच पेपर ए डे”।
शुरुआत में इस बच्चे की है कोशिश नाकाम हो गई थी लेकिन उसने हार नहीं मानी आखिरकार रसोई के कचरे से ही कागज बनाने में सफल रही। आपको बता दें कि सब्जी के छिलकों से कागज बनाने के साथ-साथ मान्या पुरानी स्कूल की कॉपियों को भी रीसायकल करती है। यह छोटी सी बच्ची अब तक प्याज लहसुन आलू आदि के छिलकों से कागज बना चुकी है जिसकी चारों तरफ प्रशंसा की जा रही है।