इंसान को मेहनत करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए अगर इंसान मेहनत करें तो वह जिंदगी में आगे बढ़ सकता है। जीवन में हर रोज कुछ ना कुछ नया सीखने को मिलता है। हम कड़ी मेहनत और लगन से जिंदगी में वह सभी पा सकते हैं जिसकी हमने कभी कल्पना ना की हो। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें बिल्ली के 2 पुलिस कॉन्स्टेबल ने मेहनत करके सफलता पाई है। यह दोनों मेहनत कर आईपीएस और दूसरा एसीपी बन गए हैं।
विजय सिंह गुर्जर और फिरोज आलम
आपको बताना चाहेंगे कि दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर तैनात विजय गुर्जर और फिरोज आलम साल 2010 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर पोस्टिंग पर भर्ती हुए थे। इन दोनों में खास बात यह थी कि दोनों ने भर्ती के बाद अपनी पढ़ाई को नहीं छोड़ा और लगातार मेहनत करते रहे। साल 2017 में बिजी गुजरने 574 रैंक हासिल करें यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। और साल 2019 में फिरोज आलम ने 645 अंक हासिल कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई थी।
आइए जानते हैं फिरोज आलम के जीवन के बारे में
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में आजमपुर गांव में फिरोज का जन्म हुआ था। फिरोज के पिता का नाम मोहम्मद शहादत है। फिरोज ने 12वीं कक्षा के बाद ही पुलिस कांस्टेबल का एग्जाम दिया था जिसके बाद वह 12वीं कक्षा के बाद ही पुलिस कांस्टेबल पद के लिए हो गए थे। फिरोज अपने गांव के दूसरे से व्यक्ति हैं जो यूपीएससी की परीक्षा पास करके सफलता हासिल की है।
उसने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने जब 12वीं पास की थी तब ही उनका सिलेक्शन पुलिस कांस्टेबल पद के लिए हो गया था। उन्होंने आगे पढ़ाई जारी रखी और दिल्ली से पढ़ाई करते रहे। वह अपने बड़े अफसरों से काफी इंप्रेस होते थे।
आईपीएस विजय गुर्जर का जीवन
गुर्जर का जन्म सन 1987 राजस्थान के झुंझुनू जिले के देवीपुर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम लक्ष्मण था। विजय गुर्जर के पिता एक किसान थे वह अपने पिता के साथ खेतों में काम भी किया करते थे। विजय गुर्जर ने अपनी पढ़ाई हिंदी मीडियम से की थी इनको दसवीं कक्षा में औसत ही अंक मिले थे। मुझे गुर्जर 12वीं कक्षा करने के बाद पुलिस कांस्टेबल में भर्ती हो गए थे जिसके बाद उन्होंने मेहनत जारी रखी और आज देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को पास कर कर आईपीएस के पद पर नियुक्त हो गए हैं।