कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती और कई बार यह देखा जाता है कि कुछ छात्र अपने परिणाम को देखकर हताश हो जाते हैं वहीं कुछ लोग उसी परिणाम को अपने हौसले की उड़ान बना लेते हैं और कुछ ऐसी ही कहानी हाल ही में छत्तीसगढ़ के रहने वाले आईएएस अवनीश शरण ने अपने सोशल मीडिया पर साझा की है जिसमें उन्होंने एक ऐसे छात्र के नतीजों की तस्वीर साझा की है जिसमें उस छात्र को मैट्रिक के परीक्षा में गणित में 3वे और अंग्रेजी में 35 नंबर मिले थे। गांव वाले भी उस छात्र का जमकर मजाक बनाते नजर आ रहे थे लेकिन आइए आपको बताते हैं कैसे इस छात्र ने अपनी किस्मत ऐसी बदली कि आज वह कलेक्टर बनकर देश की सेवा करते नजर आ रहा है और जिसने भी इस छात्र की इस कहानी को पढ़ा है तो वह उसकी सलामी देता नजर आ रहा है.
छत्तीसगढ़ के आईएएस अवनीश शरण ने साझा की यह खूबसूरत तस्वीर, गांव वालों के मजाक ही से मिली प्रेरणा
सोशल मीडिया पर कई आईएएस अफसर ऐसे उत्साहित कहानियों को साझा करते हैं जिससे उन लोगों को बहुत प्रोत्साहन मिलती है जो अपनी जिंदगी से हार मान चुके हैं लेकिन हाल ही में अवनीश शरण जो छत्तीसगढ़ के आईएएस है उन्होंने तुषार सुमेरा की एक बहुत ही खूबसूरत कहानी साझा की है जिसमें उन्होंने तुषार के मैट्रिक के रिजल्ट को सबके सामने साझा किया है जिसमें तुषार को गणित की परीक्षा में जहां 36 अंक मिले हैं वहीं अंग्रेजी में सिर्फ 35 अंक। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि तुषार के जब यह नतीजे सामने आए थे तब उनके गांव वालों और घरवालों ने उनका जमकर मजाक बनाया था लेकिन आइए आपको बताते हैं तुषार ने कैसे इन नतीजों से हार ना मानते हुए कुछ ऐसा काम किया जिसको देखकर आज गांव वाले भी उन्हें जमकर शाबाशी देते नजर आ रहे हैं.
तुषार सुमेरा ने नतीजा देख कर भी नहीं मानी हार, मेहनत करके बन गया भरूच का कलेक्टर
कहते हैं की परीक्षा में पाए गए नंबरों से कभी भी हतोत्साहित नहीं होना चाहिए क्योंकि यह नतीजे आपकी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं करते और इस बात को सिद्ध कर दिखाया तुषार ने जिन्हें अपनी महत्व की परीक्षा में उस तरह के अंक प्राप्त नहीं हुए थे जिस तरह कि उन्हें आशा थी। तुषार ने खुद बताया कि उन्हें जब अपनी परीक्षा में अच्छे अंक नहीं मिले तब कई गांव वाले और रिश्तेदार उनका मजाक बनाने लगे थे लेकिन तुषार को यह बात पता थी कि उनके प्रतिभा के साथ ही न्याय नहीं हुआ है और इसी वजह से उन्होंने मेहनत करना जारी रखा। तुषार कि इसी मेहनत का नतीजा था कि आज छत्तीसगढ़ के भेरुच में तुषार डिप्टी कलेक्टर बन चुके हैं और जिसने भी तुषार के इस मेहनत और लगन को देखा है तो वह जमकर उनकी तारीफ करता नजर आ रहा है और इसी वजह से उनकी इस खूबसूरत कहानी को छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर ने भी साझा किया है और लोगों को यह सीख दे रहे हैं कि किसी भी नतीजे को देखकर व्यक्ति को निराश नहीं होना चाहिए।