कहते है मेहनत करने वालो की कभी हार नहीं होती और ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्यप्रदेश के नीमच गांव में रहने वाले रवि कांत चौधरी ने जिन्होंने हाल ही में एनडीए की परीक्षा पास की है और अब उनके बचपन का जो सपना था वह साकार हो गया। दरअसल देवेंद्र चौधरी के घर में जन्मे रविकांत चौधरी बचपन से ही हवा में उड़ान भरने का सपना देखते थे और उनका यह सपना था कि वह भारत देश के लिए प्लेन उड़ाए हालांकि मध्यमवर्गीय होने की वजह से उन्हें काफी संघर्ष की स्थिति का सामना करना पड़ा था क्योंकि उनके पिता देवेंद्र चौधरी अपने मोहल्ले में ही पानी पूरी का ठेला लगाते थे जो पूरे परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन था लेकिन आइए आपको बताते हैं कैसे रविकांत चौधरी ने अपनी मेहनत के दम पर अपने उस सपने को साकार किया जिसको देखकर अब सभी लोग जमकर उनकी तारीफ करते नजर आ रहे हैं और उसके ऊपर गर्व महसूस कर रहे हैं.
रविकांत चौधरी दिन में बंटाते थे पिता का हाथ, रात में करते थे पढ़ाई
मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले रविकांत चौधरी ने एक ऐसा कमाल कर दिखाया है जिसको सुनते ही पूरे मोहल्ले वासी और उनके रिश्तेदार उन्हें बधाई संदेश देते नजर आ रहे हैं। रविकांत ने हाल ही में इंडिया की परीक्षा पास कर ली है और बहुत ही जल्द वह प्लेन के पायलट के तौर पर नजर आएंगे और जैसे ही उन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई है तब उनके पिता देवेंद्र चौधरी की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं क्योंकि उन्होंने कभी भी अपने बेटे को पढ़ने के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया था बल्कि वह उसे अपने पानीपुरी के ठेले में हाथ बंटाने को कहते नजर आते थे लेकिन रविकांत ने भी यह ठान लिया था कि वह बचपन के सपने को साकार करके रहेगा और आइए आपको बताते हैं खुद रविकांत ने अपनी इस उपलब्धि पर कैसे खुल कर बातें की है.
रविकांत ने बताया मेहनत को अपना सफलता का पैमाना, कभी ना हार मानने का है जज्बा
सोशल मीडिया पर हाल ही में मध्यप्रदेश के नीमच के रहने वाले रविकांत के लोग जमकर तारीफ करते नजर आ रहे हैं क्योंकि हाल ही में रविकांत ने एनडीए की परीक्षा को अच्छे नंबरों से पास कर लिया है और इसी वजह से अब बहुत जल्द वह अपने देश के लिए एरोप्लेन उड़ाते नजर आएंगे। रविकांत की यह उपलब्धि इस वजह से भी ज्यादा मायने रखती है क्योंकि वह एक पानीपुरी का ठेला लगाने वाले के बेटे हैं और दिन में उन्होंने खुद बताया कि कई घंटों तक वह पिता के ठेले पर हाथ बंटाते थे और रात में वह पढ़ाई करते थे। रविकांत ने बताया कि बचपन से ही उनकी तमन्ना थी कि वह एरोप्लेन में उड़ान भरे और आखिरकार उन्होंने जो सपना देखा था उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर साकार कर लिया और साथ में उन्होंने यह भी बताया कि सफलता पाने के लिए छोटे रास्ते नहीं बल्कि मेहनत वाली मंजिल तय की जाती है और उन्होंने मेहनत को ही अपनी सफलता का पैमाना बताया है जिसको देखकर हर कोई उनकी तारीफ करता नजर आ रहा है।