भारत में हरियाणा एक ऐसी जगह है जो पहलवानों की धरती के नाम से पूरे विश्व में जानी जाती है। एक बार फिर हरियाणा से किसी ने देश के लिए एक स्वर्ण पदक जीता है। हरियाणा की बेटियां देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपना परचम लहराती हैं। पिछले 2 दिनों में लगातार हरियाणा की बेटियों ने भारत को तीन गोल्ड मेडल दिला कर देश का नाम पूरे विश्व में ऊंचा किया है।
एक तरफ जापान की टोक्यो में ओलंपिक खेल चल रहे हैं जहां पर भारतीय खिलाड़ियों ने देश के लिए मेडल लाने की शुरुआत कर दी है। तो वही बूडापोस्ट मैं चल रहे वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल लाने की बौछार हो गई है। इस वर्ल्ड चैंपियनशिप में हरियाणा की बेटियों ने गोल्ड ला कर यह साबित कर दिया है कि हरियाणा की छोरियां किसी से कम थोड़ी है।
प्रिया और तनु के बाद अब कोमल ने दिलाया गोल्ड
जिंद मैं जन्मी प्रिया और रोहतक की तनु के बाद अब कोमल ने भी भारत को गोल्ड दिलवाया है। कोमल पानीपत मैं पट्टी कल्याण गांव की रहने वाली है। इन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल मुकाबले में अज़रबैजान यह पहलवान को 7-2 से हराकर भारत के लिए गोल्ड अपने नाम किया है।
परिवार में खुशी का माहौल
कोमल के भारत के लिए गोल्डन आने के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उनके परिवार ही नहीं बल्कि उनके स्कूल से पूरे देश में उल्लास का माहौल है और सब कोमल को बधाई दे रहे हैं। उनके परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे को मिठाई बांटकर बधाइयां दे रहे हैं। कोमल अभी मेडल जीतकर घर नहीं पहुंची है।
मां ने बताया घर का काम करवाना चाहते थे
कोमल की मां ने कहा है कि हम तो अपनी बेटी से घर का काम करवाना चाहते थे लेकिन आज हमारी बेटी देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आई है यह हमारे लिए गर्व की बात है। आगे बात करते हुए कोमल की मां ने कहा कि जब साक्षी मलिक भारत के लिए मेडल जीत के लाई थी तब हमारी बेटी केवल 13 साल की थी तब से ही इसने भारत के लिए मेडल लाने की ठान ली थी।
बेटा बेटी में भेद मिटाने के लिए की मेहनत
कोमल की मां के अनुसार उनकी बेटी कि अभी यह शुरुआत है और वह आगे भी देश के लिए बहुत सारे मेडल लाएगी। कोमल की मां ने कहा कि हमारी बेटी ने बेटा और बेटी में भेद मिटाने के लिए बहुत मेहनत की है आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारी बेटी किसी बेटे से कम नहीं है।