सोशल मीडिया पर हालहि में हुआ एक हादसा बहुत ही ज्यादा वायरल हो रहा है. इस हादसे का सच ज्यादातर लोगों को बस इतना ही पता है कि CISF के जवान ने लड़की की इज़्ज़त को अपनी वर्दी से उसके बदन को ढक कर बचाई. हालांकि पूरी सच्चाई किसी को भी नही पता है. आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पूरी सच्चाई से रूबरू करवाते हैं और साथ ही यह भी बताएगे की किस तरह इस CISF के जवान ने बहादुरी दिखाई और लड़कीं कि जान भी बचाई. इस हादसे में CISF के जवान की बहादुरी की चर्चा पूरे देश मे हो रही है. आइए आपको बताते हैं आखिर हुआ क्या था.
लड़की खुद चाहती थी ये वाक्य हो
यह वाक्य दिल्ली के जनकपुरी मेट्रो स्टेशन की है. हुआ यह था कि मेट्रो स्टेशन पर एक लड़की अपनी दुनिया देने के मकसत से आई थी. इसलिए जैसे ही इस लड़कीं ने मेट्रो को आते हुए देखा तो ट्रैन के सामने आ गयी. लड़की को वहाँ जाते देखते ही ट्रेन के पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए जिसकी वजह डर लड़कीं की ज़िंदगी तो बच गई लेकिन वह बहुत ज़्यादा परेशान हो गई. आपकी जानकारी के लिए पता दे कि मेट्रो की पटरी ओर बहुत ज्यादा हाई वोल्टेज करंट होता है . अगर किसी व्यक्ति का गलती से भी पैर उस पटरी पर पड़ जाए तो वह व्यक्ति वहाँ खड़ा-खड़ा ग़ायब हो जाए और उसकी हड्डियों का पिस हो जाए.
लेकिन CISF के एक जवान ने बिना अपनी जान की फिक्र किए पटरी के पास खुद गया और जैसे- तैसे करके लड़कीं को बचा कर प्लेटफार्म पर लाकर लेटता दिया. मेट्रो स्टेशन पर लगे कैमरे में साफ दिख रहा है यह लड़कीं आत्महत्या करना चाहती थी. स्टेशन की फोटेज में साफ दिख रहा है कि इस लड़कीं ने ट्रेन के आते ही जिसके सामने छलांग लगा दी.
ट्रैन के नीचे आने से फट गए थे कपड़े , CISF के जवान ने इस तरह की लड़कीं की इज़्ज़त की रक्षा
मेट्रो का दौरान लड़कीं तो बच गई लेकिन लकड़ी के कपड़े मेट्रो ट्रेन के नीचे आने से कपड़े ख़राब हो गए थे. तभी CISF के जवान ने अपनी वर्दी उतारी ओर अपनी उस वर्दी से लड़कीं को ढक दिया और उसकी इज़्ज़-त की रक्षा की. CISF के इस जवान का नाम नंदकिशोर नायक है. जवान के इस कारनामे से उसकी बहुत ज्यादा तारीफ हो रही है और साथ ही साथ खुद CISF ने नंदकिशोर की इस बहादुरी के लिए उसको इनाम भी दिया और साथ ही उसका प्रोमोशन भी किया हैं.