वर्तमान समय में पेट्रोल डीजल के बढ़ते हुए दामों की वजह से आज के लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर अपना रुख कर रहे हैं आपको बता दें कि पिछले कुछ समय तक बहुत कम इलेक्ट्रिक वाहन देखने को मिलते थे। लेकिन हाल ही में इसमें काफी इजाफा हुआ है। जो आगे आने वाले समय में और भी अधिक देखने को मिलेगा। हाल ही में यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने मिलकर एक इलेक्ट्रिक बाइक बनाई जिसकी काफी चर्चा हो रही है।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार के एल यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने मिलकर एक इलेक्ट्रिक बाइक बना डाली। इस बाइक को थर्ड तथा फोर्थ ईयर के 6 छात्रों ने तथा कुछ पास आउट हुए छात्रों ने मिलकर बड़ी मेहनत से बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रिक बाइक भविष्य की बाइक है और इसमें वायरलेस चार्जिंग के अलावा सेल बैलेंस की सुविधा भी दी गई है। दुनिया में बहुत कम स्थानों पर यह दोनों सुविधाएं मिलती हैं।
पुरानी बाइक को ही सेट करके बनाया इलेक्ट्रिक बाइक
के एल यू के छात्रों द्वारा बनाई गई इस बाइक में चरण साईं, ए संदीप, कीरीति पलासी, एस लोकेश, प्रवीण और डिपार्टमेंट से पासआउट हुए के. यशवंत साईं शामिल थे। इन छात्रों के द्वारा बनाई गई यह बाइक 55 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलती है। रिपोर्ट के अनुसार इन छात्रों ने एक बाइक में ही रिट्रोफिटिंग करके यह इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है इस बाइक में काफी बदलाव भी किए गए हैं और बीएलडीसी लगाया गया है।
एक बार फुल चार्ज होने पर चलती है इतने किलोमीटर
जेएनयू के छात्रों के द्वारा बनाई गई यह इलेक्ट्रिक बाइक एक बार चार्ज करने पर 88 किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक चलती है। उसे पूरा चार्ज होने में लगभग 5 घंटे का समय लगता है। गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्रोफेसर ने भी छात्रों को गाइडेंस दिया जिससे उन्हें काफी मदद मिली। इस नई इलेक्ट्रिक बाइक के निर्माण के बाद यूनिवर्सिटी के इन होनहार छात्रों की काफी तारीफ की जा रही है। पूरी यूनिवर्सिटी इन छात्रों की प्रशंसा कर रही है।
केएनयू यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट कोनेरू सत्यनारायण ने बताया कि वायरलेस चार्जिंग वाली यह इलेक्ट्रिक बाइक प्रोजेक्ट छात्रों के इनोवेटिव माइंडसेट का एक जीता जागता उदाहरण है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर और इलेक्ट्रिक बाइक का मार्केट दिन प्रतिदिन काफी बढ़ता जा रहा है और अनुमान के अनुसार 2025 के अंत तक भारत में 10.8 लाख यूनिट इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक बाइक बिक सकते हैं। धीरे-धीरे पेट्रोल और डीजल के वाहनों का चलन कम होता दिखाई दे रहा है।