मुकेश अंबानी जो आज विश्व के आठवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं उनके पिता धीरूभाई अंबानी की आज पुण्यतिथि है। मुकेश अंबानी जिस साम्राज्य पर आज राज कर रहे हैं और व्यवसाय कर रहे हैं उस साम्राज्य की नींव किसी और ने नहीं बल्कि धीरूभाई अंबानी ने रखी थी जो उनके पिता है। हालांकि धीरूभाई अंबानी शुरुआत से ही अमीर बिल्कुल नहीं थे और अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने कुछ ऐसे छोटे-मोटे काम किए थे जिसके लिए उनकी कमाई बहुत कम थी। शुरुआत से ही धीरूभाई अंबानी अपना खुद का व्यवसाय करना चाहते थे और इसी वजह से उनका किसी भी काम में ज्यादा मन नहीं लगता था। खुद धीरूभाई अंबानी ने अपने साक्षात्कार में बताया है कि वह सिर्फ ₹500 लेकर मुंबई आए थे। आइए आपको बताते हैं कैसे मुंबई में कदम रखने के बाद धीरूभाई अंबानी ने व्यवसाय की ऐसी समझ इकट्ठा कर ली थी कि उन्होंने देखते ही देखते रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव रख दी जो आज देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है.
धीरूभाई अंबानी पेट्रोल पंप पर कर चुके थे काम, इस तरह रखी रिलायंस इंडस्ट्रीज की नीव
मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी की पुण्यतिथि के मौके पर उनके कुछ रोचक किस्से हैं जो लोगों को बेहद पसंद आ रहे हैं। दरअसल मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद जब धीरूभाई अंबानी ने कुछ अलग करने की ठानी तो वही यमन चले गए अपने भाई के पास और वहां पर जाकर महज ₹300 के मेहनताना में वह काम करने लगे। उनके काम से खुश होकर पेट्रोल पंप के मालिक ने उन्हें मैनेजर बना दिया लेकिन धीरूभाई अंबानी के मन में कुछ और ही चल रहा था। वहां पर काम छोड़ने के तुरंत बाद वह वापस अपने घर आ गए और उसके बाद आइए आपको बताते हैं कैसे जेब में ₹500 लेकर धीरूभाई अंबानी सपनों के शहर मुंबई में आ गए जहां पर उन्होंने कुछ ऐसा व्यवसाय शुरू किया जो आज सबसे बड़ा है.
धीरूभाई अंबानी ने ऐसे रखी रिलायंस इंडस्ट्रीज की नीव, मेहनत के दम पर साकार किया अपना सपना
धीरूभाई अंबानी की पुण्यतिथि के मौके पर लोगों के सामने यह बात सामने आई है कि कैसे उन्होंने अपने साम्राज्य की नींव रखी है। दरअसल सिर्फ ₹500 लेकर वह जब मुंबई आए तब उन्हें इस बात का अंदाजा हो गया था कि विदेशों में भारतीय मसालों की बहुत ज्यादा मांग है वहीं दूसरी तरफ भारत में विदेशों की पॉलिस्टर की जरूरत है। इसी वजह से धीरूभाई अंबानी ने भारत के मसालों का निर्यात विदेशों में करना शुरू कर दिया वहीं विदेशों से उन्होंने पॉलिस्टर का आयात भारत में करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते उनका यह व्यवसाय बढ़ने लगा। अपने छोटे से 350 वर्ग फुट के कमरे से उन्होंने ऑफिस की नींव रखी थी जो देखते ही देखते जितना ज्यादा आगे बढ़ने लगा जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। आज मुकेश अंबानी और उनके भाई अनिल अंबानी खुद मानते हैं कि उनके पिता की मेहनत का ही यह नतीजा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज आज इस विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और उन्होंने काफी संघर्ष करने के बाद इसकी नीव रखी थी।