आज के समय बेटियां किसी भी चीज में बेटों से कम नहीं है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में बेटी होती है वहां हमेशा लक्ष्मी निवास करती है आज के दौर में बेटियां बेटों से भी आगे निकल चुकी हैं। एक ऐसा वक्त था जब बेटी को बेटों से काफी कम आंका जाता था और उन्हें घर की दहलीज के अंदर ही रहने की इजाजत रहती थी। आज बेटियों ने परिवार के साथ साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है फिर चाहे वह बात खेल की हो या पढ़ाई की बेटियां हर जगह अव्वल रही है। आज आपको ऐसी ही भारत की एक बैठक के बारे में बताते हैं जिन्होंने अपने पिता के आईएएस बनने के अधूरे सपने को पूरा किया और खुद आईएस बनी।
बचपन से थी पढ़ाई में होशियार
उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट गंज के रहने वाले साक्षी गर्ग बचपन से ही पढ़ाई में काफी इंटेलिजेंट थी उन्होंने बचपन की पढ़ाई अपने गांव में ही की साक्षी में दसवीं क्लास में 76% अंक हासिल किए और 12वीं क्लास में 81% अंक हासिल किए। साक्षी बताती है कि बचपन से ही उनका पढ़ाई में काफी मन लगता था। वह जब भी बोर होती थी तो किताब लेकर पढ़ाई करने लग जाती थी। 12th करने के बाद उन्होंने b.a. ग्रेजुएशन पूरा किया।
साक्षी जब ग्रेजुएशन कर रही थी तभी यूपीएससी की तैयारी में लग गई थी। साक्षी बताती हैं कि जब उन्होंने 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली थी तभी से यू पी एस सी का एग्जाम देने का फैसला किया लेकिन साधनों का अभाव होने की वजह से ग्रेजुएशन के साथ-साथ अच्छी तरीके से तैयारी नहीं कर पाए। उन्होंने ग्रेजुएशन कंप्लीट होने के बाद तैयारी शुरू की।साक्षी के गांव रॉबर्ट्सगंज में यूपीएससी की तैयारी के उचित साधन उपलब्ध नहीं है इसलिए उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली जाकर तैयारी करने का फैसला लिया।
पिता के आईएएस बनने के अधूरे सपने को किया साकार
साक्षी गर्ग बताती हैं कि जब वह यूपीएससी की तैयारी कर रही थी तो उनके पिता का हमेशा सपोर्ट रहता था। साक्षी ने कहा उसके पिता एक आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे लेकिन किसी कारणवश वह अपना सपना साकार नहीं कर पाया। इसके बाद उन्होंने मेरे दिमाग में यह बात बचपन में ही डाल दी थी कि बड़े होकर तुम्हें आईएएस बनना है। मैं भी इसके बाद फैसला कर चुकी थी कि देश की सेवा सिविल सर्विसेज के तौर पर करनी है। अपने मेहनत के बलबूते पर साक्षी ने 2018 में यूपीएससी क्लियर किया और अब आईएएस के पद पर कार्यरत हैं। साक्षी के पिता कृष्ण कुमार गर्ग अपनी बेटी की इस सफलता से काफी खुश हैं और उनका कहना है कि मेरा आईएएस बनने का सपना साकार हो चुका है।