भारत में पुराने समय में लोग कच्चे मकानों में रहा करते थे। लेकिन समय के बदलते फेर में लोगों ने सीमेंट से बने आलीशान मकानों में रहना शुरू कर दिया। इन मकानों में रहने के लिए सामान्य तौर पर एयर कंडीशनर की जरूरत पड़ती है। आज आपको ऐसी खबर देते हैं जिससे आपको मकान में एयर कंडीशनर की जरूरत महसूस तक नहीं होगी। हाल ही में सोशल मीडिया पर यह खबर काफी फैल रही है कि हरियाणा के रहने वाले एक व्यक्ति ने गाय के गोबर से ऐसा घर बनाया है जिसमें एयर कंडीशनर की जरूरत नहीं है उसके बावजूद भी वह घर ठंडा रहता है। यही नहीं गर्मियों में ठंडे रहने के साथ-साथ सर्दियों में ऐसे मकान गर्म भी रहते हैं।
रोहतक के रहने वाले डॉ सुदर्शन ने किया कीर्तिमान स्थापित
अगर आप बिना एयर कंडीशनर के ऐसे मंगवा में रहना चाहते हैं जहां ठंड हो तो उसके लिए हरियाणा के रोहतक के रहने वाले डॉक्टर शिव दर्शन से सलाह लेना काफी जरूरी है। डॉक्टर शिव दर्शन एक जाने-माने व्यक्ति हैं जो आईआईटी दिल्ली के सलाहकार भी रह चुके हैं उन्होंने अपने जीवन में काफी अलग-अलग जगहों पर भ्रमण किया जिसके बावजूद उन्होंने एक रास्ता निकाला जिसके तहत लोगों को घर में एयर कंडीशनर की जरूरत नहीं पड़ेगी। देसी गाय के गोबर के बने प्लास्टर से घर किस तरह सुरक्षित हो जाता है कि यह एयर कंडीशनर की जरूरत को पूरा कर देता है।
2005 से डॉक्टर शिव दर्शन इस पर कर रहे हैं काम
रोहतक में रहने वाले डॉक्टर से दर्शन 2005 से बारे में शोध कर रहे हैं कि गाय के गोबर से घर को कैसे ठंडा और सुरक्षित रखा जाए। डॉक्टर के अनुसार घर को ठंडा रखने के साथ-साथ गाय के गोबर से लेट करने पर अन्य सुरक्षा मिलती हैं इस बारे में उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले प्रदूषित हवा को गाय का गोबर शुद्ध करता है और उसके साथ ही ज्वलनशील पदार्थों से भी घर को बचाता है क्योंकि गाय का गोबर जल्दी से आग नहीं पकड़ता।
उन्होंने बताया कि इस तरह के मकान में बने फ़र्श पर गर्मियों में नंगे पैर टहलने से पैरों को ठंडक मिलती है और हमारे शरीर के अनुसार तापमान मिलता है। बिजली की बचत होती है, शहरों में भी गाँव जैसी कच्ची मिट्टी के पुराने घर इस गाय के प्लास्टर से बनाना सम्भव है।” डॉक्टर शिव दर्शन अब तक लगभग 300 से अधिक मकानों में गाय के देसी गोबर का वैदिक प्लास्टर कर चुके हैं।