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भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ा कारनामा चांद पर खोज निकाला पानी

भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो लगाकर अंतरिक्ष क्षेत्र में कामयाबी के नए दौर को छू रही है। हालांकि भारत का चंद्रयान 2 मिशन असफल हो गया था लेकिन भारत चंद्रयान के ऑर्बिटर को चंद्रयान की कक्षा में सफल रूप से स्थापित करने में कामयाब हो गया था। तब से लेकर अब तक भारत का ही है ऑर्बिटर चंद्रमा की लगातार परिक्रमा कर रहा है और चंद्रमा पर नई-नई खोजें कर रहा है। हाल ही में इसरो के इसी ऑर्बिटर ने चंद्रमा पर पानी और हाइड्रोजन खोजने का एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है।

इमेजिंग इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर से लगाया है पता

शोधकर्ताओं ने चंद्रमा पर पानी और हाइड्रोजन का पता लगाने के लिए chandrayaan-2 में स्थित इमेजिंग इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर का उपयोग किया है। यह उपकरण ग्रहों पर खनिज व अन्य पदार्थ खोजने में उपयोगी है। इस उपकरण नहीं तो डाटा पृथ्वी पर भेजा था उसे शोधकर्ताओं ने शोध करके पता लगाया है कि चंद्रमा पर पानी के अंश मौजूद हैं।

चंद्रमा के इस हिस्से में मिला है पानी

भारत के साइंटिस्ट ने भेजे गए डाटा से निष्कर्ष निकाला है और जल के अवशेषों का पुष्टिकरण किया है। साइंटिस्ट के अनुसार वहां पर पानी अलग ही डिग्री के टेंपरेचर पर मिला है। साइंटिस्ट के अनुसार चंद्रमा पर उपस्थित जगहों में यह जगह 29 डिग्री वह 62 डिग्री पर मौजूद है। शोध में पता लगाया है कि पानी की है अंश उच्च भूमि और उच्च टेंपरेचर पर मिले हैं।

चंद्रमा पर पानी का कारण यह बताया वैज्ञानिकों ने

चंद्रमा पर पानी मौजूद होने का कारण देहरादून में स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिमोट सेंसिंग के वैज्ञानिकों ने कहा है कि चंद्रमा पर पानी और हाइड्रोजन का निर्माण अंतरिक्ष में जारी उपक्षय के कारण होता है। उन्होंने बताया कि चंद्रमा पर पानी का मौजूद होना चंद्रमा की सतह से टकराने वाली हवाओं के कारण हो सकता है।

लेंडर हो गया था छतिग्रस्त

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि chandrayaan-2 मिशन को साल 2019 में लांच किया गया था। बहुत ही उम्मीदों के साथ इस मिशन को लांच किया गया था। इस मिशन का विशेष कार्य यह था कि वह चंद्रमा पर मिट्टी का विश्लेषण करेगा और पानी का पता लगाएगा। लेकिन कुछ समय बाद ही chandrayaan-2 लेंडर से संपर्क टूट गया था। और लेंडर के द्वारा ले जाए जा रहे रोवर का कुछ दिनों तक कुछ अता पता नहीं चला था। जिसके बाद काफी रिसर्च की गई और पता चला कि वह चंद्रमा की सतह से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया था।

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