दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हो भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत की 70% आबादी कृषि पर निर्भर करती है, भारत में ज्यादातर कृषि भूमि है, जहां किसान खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं और साथ ही पशुओं का पालन करके अपनी आजीविका चलाते हैं और पशुओं का पोषण भी बहुत हद तक फसल पर ही निर्भर करता है अगर पशुओं को अच्छा चारा मिले तो पशु स्वस्थ रहते हैं और अच्छे काम आते हैं।
सौर ऊर्जा से चलने वाली हाइड्रो फोनिक फा़ंडर यूनिट क्या है
सौर्यदीप बसक और लवकेश बालचंदानी ने किसानों की समस्या का आसान सा सॉल्यूशन ढूंढ लिया है. सौर्यदीप और लवकेश ने सौर ऊर्जा से चलने वाली हाइड्रोपोनिक फ़ॉडर यूनिट बनाई है, जिसके ज़रिए बहुत कम पानी और बग़ैर मिट्टी के हरा, पोषक तत्वों से भरपूर हरा चारा उगाया जा सकता है. इस आधुनिक तकनीक की मदद से फसल की पैदावार को 6 गुना बढ़ाया जा सकता है.।
इनोवेशन के लिए मिला पदक
सौर्यदीप और लवकेश को अपने इनोवेशन के लिए Efficiency for Access Design Challenge के ग्रैंड फ़ाइनल में कांस्य पदक मिला. दोनों दोस्त पदक पाकर बहुत खुश है और भी चाहते हैं कि हम देश के लिए ऐसे ही आगे बहुत कुछ करें और देश का नाम रोशन करें हमारे देश को भी ऐसे होनहार विद्यार्थियों की जरूरत है जो देश के लिए और किसानों के हित के लिए नई नई खोज करते रहें।
दोनों ने पढ़ाई छोड़ किया चमत्कार
सौर्यदीप ने PwC India की नौकरी छोड़ी और लवकेश ने रिन्युएबल एनर्जी की पढ़ाई करने के लिए मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ी. दोनों ही युवा क्लाइमेट चैंज को लेकर बेहद चिंतित हैं और इस चिंता ने दोनों को एकसाथ ला दिया. फ़ूड-वॉटर-एनर्जी डोमैन में काम करते हुए उन्हें हाइड्रोपोनिक फ़ॉडर यूनिट बनाने का आईडिया आया.।
किसान क्यों करते हैं आत्म’ह’त्या
सौर्यदीप और लवकेश ने बताया कि इस नई तकनीक को भारत के किसानों की समस्याओं को ध्यान में रख कर विकसित किया गया है. 2019 में 10,281 किसानों ने फसल बर्बाद होने की वजह से आ’त्मह’त्या की थी. भारत में दुनिया के सबसे ज़्यादा मवेशी हैं और यहां इस जनसंख्या को खिलाने के लिए पर्याप्त आहार नहीं है. भारत में 32 प्रतिशत पशु आहार की कमी है। इस प्रकार दोनों दोस्तों ने मिलकर किसानों की बहुत बड़ी समस्या का हल निकाल दिया इस तकनीक के माध्यम से अब किसान कम बजट में ज्यादा फायदा कमा सकते हैं।