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दशानन रावण था भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त, मिला था सदा अमर रहने का वरदान

अगर किसी भगवान को सबसे भोला ओर सरल बोला जाता है तो वह ओर कोई नही बल्कि भगवान शिव ही हैं. पुराने जमाने मे लोग भगवान शिव की कठोर तपस्या करते थे और जब भगवान उनकी तपस्या से प्रश्नन हो जाते थे तो उनसे वरदान मांगते थे. रामायण और महाभारत में जितने भी राक्षस या बुरे लोग थे वह भगवान शिव जी की कठोर तप्यस्या करके उनको खुश करते और जब शिव जी उनके सामने प्रकट होकर उसको वरदान मांगने के लिए बोलते तो वह ऐसा वरदान माँग लेते जिसे शिवजी को देना ही पड़ता. ऐसा ही कुछ लंकापति रावण ने किया था. रावण ने अपनी कठोर तप्यस्या से पूरी ब्रम्मान को अपने वश में कर लिया था. बोला जाता हैं तीनो लोको में ऐसा कोई भी नही था जो कि भगवान शिव से ज्यादा शक्तिशाली हो सिर्फ भगवान शिव को छोड़कर यहाँ तक कि खुद भगवान विष्णु भी रावण को हराने में असमर्थ थे.

भगवान शिव से मांग लिया था ऐसा वरदान की तीनों लोकों में हो गया अमर

पूरे इतिहास को उठाकर देखा जाए तो भगवान शिव का कोई सबसे बड़ा भक्त था तो वह ओर कोई नही बल्कि रावण ही था. रावण ने अपनी कठोर तप्यस्या से भगवान शिव को बहुत बार प्रश्नन किया था. एक बार रावण नव भगवान शिव को खुश करने के लिए कैलाश पर्वत पर 5 साल तक लगातार तप्यस्या की थी. वह भी जमीन पर नही बल्कि कैलाश पर्वत पर जाकर. अंत मे रावण ने भगवान शिव को मना ही लिया था ओर वरदान भी माँग लिया था. जब रावण के सामने भगवान शिव प्रकट हुए तो रावण ने वरदान में मांगा की भोलेनाथ आप या आपका अंश कभी भी मुझसे युद्ध नही करोगे. जब शिव जी ने यह सुना तो बिना सोचे समझे रावण को यह वरदान दे दिया.

रावण को मिला हुआ था भगवान शिव का ऐसा वरदान , जिसकी वजह से हनुमानजी नही कर पाए रावण से घमासान

रामायण में बताया गया है कि जब श्री राम को रावण के बीच मे युद्ध का गमासान हुआ था तो हनुमानजी अकेले ही अपने दम पर युद्ध को मात्र कुछ पलों में ही समाप्त कर सकते थे लेकिन वह ऐसा नही कर पाए क्योंकि वह भगवान शिव के अंश थे. रावण को भगवान शिवजी ने ही वरदान दिया था कि मैं ओर मेरा अंश कभी भी तुमसे गमासान नही करेगें. यही कारण था कि भगवान विष्णु को श्री राम के रूप में राजा दशरथ के घर में जन्म लेना पड़ा. बोला जाता है कि अगर रावण को शिवजी का यह वरदान नही होता तो शायद कोई श्री राम को जानता भी नही क्योंकि हनुमान जी अपने अकेले के दम पर रावण का सर्वनाश कर देते. लेकिन इस बात में कोई शक नही है कि भगवान शिव जी का सबसे बड़ा भक्त रावण ही था.

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