भारत मे समाज के नियमो का उल्लंघन करने का मतलब है समाज बाहर निकाले जाना. आम तोर पर जब किसी व्यक्ति का स्वर्गवास हो जाता है तो अंतिम यात्रा के बाद उसके शव के दहन के समय उसका व्यक्ति का बड़ा बेटा ही उसके शव को अग्नि देता है और अगर कोई बड़ा बेटा नही तो कोई दूसरा आदमी ही इस विधि को निभाता हैं लेकिन कभी भी एक महिला या लड़कीं इस विधि में भाग नही लेती हैं.
लेकिन हालहि एक ऐसी वायरल वीडियो सामने आई हैं जिसमे एक महिला अपने पिता स्वर्गवास के बाद उनके अंतिम संस्कार की विधि पूरी कर रही हैं. इसी वीडियो में इस महिला ने पिता के अंतिम संस्कार से लेकर पिता के तेरवे तक कि सभी विधियों को पूरा किया हैं. इस वायरल वीडियो ने समाज के पूरे नक्शे को पूरी तरह बदल के रख दिया हैं. यही कारण हैं कि सोशल मीडिया पर इस वीडियो के बहुत ज्यादा चर्चे हैं. आइए आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं कि क्या हैं इस पूरे वायरल वीडियो में
हैं तीन भाई लेकिन खुद ने किया पिता का अंतिम संस्कार , बदल दिया समाज के नियमों को
जिस महिला की हम बात कर रहे हैं वह उत्तरप्रदेश की रहने वाली हैं. इस महिला का नाम उर्वशी है. उर्वशी अपने पिता की सबसे ज्यादा लाडली हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उर्वशी के तीन छोटे भाई और दो छोटी बहन हैं. अगर सीधे शब्दों में बोला जाए तो यह कुल 6 बहन-भाई हैं. जिनमे से उर्वशी सबसे बड़ी है. कुछ दिनों पहले 6 सिंतबर के दिन उर्वशी के पिता हरेंद्र सिंह जी का ज्यादा स्वास्थ्य खराब हो जाने की वजह से स्वर्गवास हो गया था. जब बात पिता के अंतिम संस्कार की आई तो उर्वशी आगे आई और बोली कि “मेरे पिता का अंतिम संस्कार मैं खुद मेरे हाथों से करुँगी ओर साथ ही साथ सारी विधि-विधानों को भी में ही सम्पन करुँगी. ” जैसे ही उर्वशी ने यह बात बोली तो सब लोग आश्रयचकित रह गए और बोलने लगे कि ऐसा कभी नही होगा लेकिन उर्वशी ने किसी की एक नही सुनी और पिता का अंतिम संस्कार खुद अपने हाथों से किया.
शादी शुदा होने के बाद भी पिता के13वे में खुद ने ही पूरी की पगड़ी की रसम ओर बन गई घर की मुखिया
उर्वशी एक बहुत ही बहादुरी ओर दृढ़ निश्य कर लेने वाली महिला हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उर्वशी पेशे से के वकील हैं और इसने LLB कर रखी हैं. पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद लोग के बीच मे बाते चलने लगी कि यह तो शादी शुदा हैं तो पगड़ी की रस्म कैसे करेगी और अगर कर भी लेती हैं तो उसे कैसे निभाए गी. क्योंकि इस परिवार को संभालेगी या अपने ससुराल में खुद के परिवार को, लेकिन उर्वशी ने किसी की एक भी नही सुनी और पिता के 13वे में खुद ने ही पगड़ी की रस्म पूरी की ओर घर के मुखिया बनने की ज़िम्मेदारी ली. उर्वशी ने लोगो की ही नही बल्कि पूरे समाज का लड़कियों के प्रति नज़रिया बदल दिया.