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जीताया था भारत को क्रिकेट में वर्ल्ड कप, आज पेट पालने के लिए कर रहे हैं ये काम देखे तस्वीरें

पूरी दुनिया मे बोला जाता है कि जितना टैलेंट भारत मे है उतना किसी भी देश मे नही है क्योंकि पूरी दुनिया मे आज के समय में भारतीय नागरिकों का ही राज हैं. भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी हैं लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा खेले जाने वाला खेल क्रिकेट ही हैं. क्रिकेट की दुनिया मे भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है क्योंकि भारतीय क्रिकेट टीम पूरी दुनिया मे देश का नाम रोशन कर रही हैं. क्रिकेट में भारत मे जितना टैलेंट हैं उतना किसी भी देश मे नही हैं. भारत के लिए तो बोला जाता है कि एक समय मे तीन अंतराष्ट्रीय टीम भी बना ली जाए तो उसको कोई भी नही हरा सकता हैं.

क्रिकेट नही बदल पाया रमेश की किस्मत

क्रिकेट ने बहुत से लोगो को करोड़ पति बनाया है लेकिन आज हम आपको भारतीय क्रिकेट टीम के एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में बातएगे जिसने भारत को क्रिकेट में वर्ल्डकप जीता या है लेकिन आज ठीक से दो वक्त की रोटी भी नसीब नही हो रही हैं. आपको जानकर आश्रय होगा कि जिस खिलाड़ी ने वर्ल्डकप के अंतिम मुकाबले में शतक लगा कर टीम को जीताया था वह आज दर-दर की ठोकरे खा रहा हैं. आइए बतांते है आपको कोंन हैं यह व्यक्ति को जिसने भारत को वर्ल्डकप जीताया था और भी आज के समय में दर-दर की ठोकरे कहा रहा हैं.

UAE में जीताया था भारत को फाइनल मुकाबला , इस कारण से नही पड़ी लोगो की नज़र

जिस खिलाड़ी की हम बात कर रहे हैं उसका नाम रमेश हैं. रमेश ने भारतीय टीम को 23 मार्च साल 2018 में हुए ब्लाइंड वर्ल्ड कप में जीत दिलाई थी. ब्लाइंड वर्ल्डकप का मतलब होता हैं वह वर्ल्डकप जिसमे सिर्फ और सिर्फ अंधे लोग की हिस्सा लेंगे. इसी वजह से इस वर्ल्ड कप को ब्लाइंड वर्ल्डकप बोला जाता हैं. ओर यही कारण हैं कि लोग इसे इतना नही जाते हैं क्योंकि हमारे भारत मे केवल मैन्स क्रिकेट मतलब जिसमे सिर्फ आदमी ही खेले उसे सबसे ज्यादा पसन्द किया जाता हैं लेकिन कुछ सालों से महिला क्रिकेट का भी बहुत ज्यादा क्रेज़ चढ़ा है. अगर रमेश की बात करे तो इन्होंने ब्लाइंड वर्ल्डकप के फाइनल मुकाबले में भारत को जीत दिलाई थी लेकिन इतना बड़ा कारनामा करने के बाद भी आज यह दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं ओर अपने पैठ को भरने के लिए मजदूरी करते हैं.

BCCI से की थी सरकारी नौकरी की सिफारिश , फिर वापिस घुसने ही नही दिया आफिस में

रमेश के जीवन मे दुखो की कोई कमी नही रही शुरू से. रमेश को शुरू से ही क्रिकेट खेलना बहुत ज्यादा पंसद था लेकिन 8 साल की उम्र में रमेश ने अपनी आँखों की रोशनी खो दी. रमेश ने हिम्मत नही हारी ओर क्रिकेट खेलना नही छोड़ा. यही कारण रहा जिसकी वजह से वह क्रिकेट खेल पाया. लेकिन जैसे ही वर्ल्डकप को जीता , BCCI ओर सभी लोग इन्हें भूल गए. रमेश ने BCCI से एक नौकरी देने के लिए बोला था लेकिन BCCI ने रमेश की एक बात नही सुनी और उसे बाहर निकाल दिया. यही कारण हैं जिसकी वजह से रमेश मजदूरी करने के लिए मजबूर हो गया. मजदूरी करने का सबसे मुख्य कारण यह हैं रमेश के सिर पर परिवार के कुल 7 लोगो की ज़िम्मेदारी है और साथ ही रमेश को अपनी तीनो बहनों का विवाह भी करना हैं. यही कारण हैं जिसकी वजह से रमेश ने मजदूरी का रास्ता चुना.

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